बिज़नेस डेस्क। प्रचंड बहुमत से केंद्र की सत्ता में वापसी करने वाली मोदी सरकार यातायात क्षेत्र को लगभग 30 लाख करोड़ रुपये का आवंटन कर सकती है। यह रकम अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने तथा रोजगारों के सृजन को लेकर बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश का एक तिहाई हिस्सा है।
नौ लाख करोड़ रुपये की जरूरत
चुनावी घोषणापत्र जारी करने के वक्त बीजेपी द्वारा भविष्य में निवेश के बारे में दिए गए विवरणों के मुताबिक, यातायात क्षेत्र को आवंटित होने वाली राशि में से सर्वाधिक निवेश रेलवे, नदियों को आपस में जोड़ने तथा राजमार्गों के विस्तार पर किया जा सकता है। इसके अलावा, रक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए नौ लाख करोड़ रुपये की जरूरत है और यह भी योजना का हिस्सा है।
10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान
बुलेट ट्रेन तथा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए नए कॉरिडोर के निर्माण में 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान है, जबकि अगले तीन साल में बंदरगाह क्षेत्र में लगभग तीन लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है, जिसमें से बड़ी राशि सागरमाला परियोजना को जाएगी।
कृषि क्षेत्र में भी राशि के आवंटन का प्रस्ताव
रेलवे, सड़क, बंदरगाह, हवाईअड्डों के अलावा, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर (शिक्षा एवं स्वास्थ्य) तथा कृषि क्षेत्र में भी राशि के आवंटन का प्रस्ताव है, जहां आमतौर पर कम निवेश देखा गया है। सूत्रों ने कहा कि क्षेत्रवार आवंटन थोड़ा बहुत इधर-उधर हो सकता है, जो कार्यों की रफ्तार या नई जरूरतों पर निर्भर करेगी।
पूँजी खर्च 113% बढ़ा
पूंजी खर्च अनुमान में बजटीय आवंटन के अलावा, वायविलिटी गैप फंडिंग और निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा निवेश के जरिये समर्थन को भी शामिल किया गया है। 2013-14 के बाद पूंजी खर्च 113% बढ़कर 9.6 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है और माना जा रहा है कि अगले पांच वर्षों में जीडीपी विकास दर में वृद्धि के साथ इसमें वृद्धि दर्ज की जाएगी। इसके परिणामस्वरूप रोजगारों का तेजी से सृजन होगा, क्योंकि श्रम लागत के लगभग 10 लाख करोड़ रुपये के आसपास रहने की उम्मीद है।