नई दिल्ली। राम मंदिर मामले की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकारों के लिए वकील राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट में भगवान राम को हिंदुस्तान का इमाम करार दिया। उर्दू कवि अल्लामा इकबाल का मशहूर शेर पढ़ते हुए राजीव धवन ने कहा, ‘है राम के वजूद पे हिन्दोस्ताँ को नाज़ अहल-ए-नज़र समझते हैं उस को इमाम-ए-हिंद।’ यही नहीं उन्होंने जन्म स्थान को एक न्यायिक व्यक्ति माने जाने का भी विराध किया। उन्होंने कहा कि ‘जन्मस्थान’ एक न्यायिक व्यक्ति नहीं हो सकता। उन्होंने दलील दी कि जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। लेकिन कृष्ण न्यायिक व्यक्ति नहीं हैं। मंगलवार को अयोध्या केस की रोजना सुनवाई का 25वां दिन था। अब तक इस मामले की सुनवाई में हिंदू पक्ष की ओर से दलीलें दी जा चुकी हैं और अब मुस्लिम पक्ष अपनी बात रख रहा है। जीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व में 5 सदस्यीय पीठ इस मामले की रोजाना (सोमवार से शुक्रवार) सुनवाई कर रही है।
यह पहला मामला है, जब संविधान बेंच किसी एक मामले की हर सप्ताह 5 दिन सुनवाई कर रही है। इससे पहले महत्वपूर्ण मामलों की एक सप्ताह में तीन दिन ही सुनवाई की जाती थी। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में फैसला देते हुए विवादित भूमि के 2 हिस्से हिंदू पक्ष को और एक हिस्सा मुस्लिम पक्ष को देने का आदेश दिया था। इसके बाद दोनों ही पक्षों ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।