ग्लोबल डेस्क अमेरिकी सीमा पर एक छोटी लड़की की असहाय रूप से रोने की तस्वीर ने प्रतिष्ठित ‘वर्ल्ड प्रेस फोटो’ पुरस्कार जीता है। यह तस्वीर उस वक्त ली गई थी जब बच्ची और उसकी मां को अमेरिकी अधिकारी हिरासत में ले कर उनकी जांच कर रहे थे। पुरस्कार के जजों ने कहा कि अनुभवी गेट्टी फोटोग्राफर जॉन मूर ने यह तस्वीर ली है, जब होंडुरास की नागरिक सैंड्रा सांचेज और उसकी बेटी यनेला ने पिछले साल अवैध रूप से अमेरिकी-मैक्सिकन सीमा पार की थी। इस तस्वीर में दिखने वाली हिंसा सामान्य से अलग है, यह मानसिक है। रोती हुई बच्ची की तस्वीर दुनिया भर में प्रकाशित हुई थी। तब सीमा पर कड़ी जांच संबंधी अमेरिका की विवादित नीति के कारण हजारों प्रवासियों को उनके बच्चों से अलग कर दिया गया था, जिसे लेकर दुनिया भर में अमेरिकी सरकार की आलोचना हुई थी। निर्णायक मंडल में शामिल जजों ने कहा कि अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने बाद में कहा कि यनेला और उसकी माँ अलग नहीं हुए थे। लेकिन सार्वजनिक रूप से हुये चौतरफा विरोध के चलते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले साल जून में उस नीति को वापस ले लिया था। मूर पिछले साल 12 जून की अंधेरी रात को रियो ग्रांड वैली में यूएस बॉर्डर पैट्रोल एजेंटों की तस्वीरें ले रहे थे, जब वे मां-बेटी उन लोगों की समूह में आए, जिन्होंने सीमा पार करने की कोशिश की थी। उसके कुछ ही समय बाद मूर ने अमेरिका के नेशनल पब्लिक रेडियो के प्रसारक को एक साक्षात्कार में कहा था, ‘‘मैं उनके चेहरे पर, उनकी आंखों में साफ-साफ डर देख सकता था।