नई दिल्ली।।टीम इंडिया के पूर्व ओपनिंग बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग भारत के लिए तीन वर्ल्ड कप में खेले चुके हैं। अपने 3 वर्ल्ड कप मिशन में 2 बार टूर्नमेंट का फाइनल खेलने वाले सहवाग अपने पहले ही वर्ल्ड कप में फाइनल खेले थे। जोहानिसबर्ग में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया के सामने 360 रन की विशाल चुनौती रखी थी। टीम इंडिया को यहां सहवाग की ही बैटिंग से कुछ राहत मिली थी। लेकिन जैसे ही 82 के स्कोर पर वीरू आउट हुए, तो उसके बाद पूरी टीम बिखर गई और टीम इंडिया तब अपना वर्ल्ड कप खिताब 125 रन गंवा दिया।
इसके बाद अपने दूसरे वर्ल्ड कप में सहवाग टीम इंडिया के उपकप्तान भी बने। लेकिन वेस्ट इंडीज में आयोजित हुए इस टूर्नमेंट में इस बार टीम इंडिया पहले ही दौर में बाहर हो गई। लेकिन अपने तीसरे वर्ल्ड कप में सहवाग ने शानदार शुरुआत की और टूर्नमेंट के पहले ही मैच में बांग्लादेश के खिलाफ 175 रन की पारी खेलकर धमाकेदार शुरुआत की। इस बार टीम इंडिया फाइनल में भी पहुंची और दूसरी बार विश्व चैंपियन का खिताब भी अपने नाम किया।
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ के इंटरव्यू में क्या कहा-
हमारे सहयोगी ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ को दिए एक इंटरव्यू में वीरेंदर सहवाग ने बताया कि तीसरी बार टीम इंडिया को विश्व चैंपियन बनने के लिए क्या करना होगा खास। यहां पेश हैं सहवाग से हुई इस बातचीत के खास अंश।।।
2011 वर्ल्ड कप फाइनल में आप सस्ते में आउट हो गए थे। सचिन तेंडुलकर भी बहुत जल्दी आउट हुए थे। अपना विकेट गंवाने के बाद क्या आप उम्मीद कर रहे थे कि भारत जीतेगा?
2011 में हमारी टीम की बैटिंग में जबरदस्त गहराई थी। अगर हम शुरुआत में जल्दी ही कुछ विकेट गंवा रहे थे, तो दूसरे बल्लेबाज आकर टीम को तय लक्ष्य तक ले जाते थे।
कौन-कौन सी योजना की जरूरत
अगर भारत को इस बार यह वर्ल्ड कप खिताब जीतना है, तो उसके लिए उनकी क्या योजना होनी चाहिए?
हमारे पास एक मजबूत टीम है। अगर हमारे खिलाड़ी सामान्य क्रिकेट भी खेले, तो भी टीम इंडिया चैंपियन के रूप में उभरेगी। हमारी टीम में पर्याप्त प्रतिभा है, जो दबाव में भी बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखती है। मुझे पूरा भरोसा है जैसे-जैसे वर्ल्ड कप परवान चढ़ेगा हमारे खिलाड़ियों का बेस्ट निकलकर बाहर आएगा।
क्या आप 15 सदस्यीय इस भारतीय टीम से खुश हैं?
अब टीम का चयन हो चुका है और अब हमें विराट कोहली और उनके खिलाड़ियों का समर्थन करना चाहिए। हम सभी को टीम की कामयाबी की दुआ करनी चाहिए। अगर हमने गलती नहीं की, तो जीतेंगे। टीम में पर्याप्त गहराई है।
नंबर 4 को लेकर खूब चर्चा है? आपके मुताबिक इस स्थान पर किसको खेलना चाहिए?
परिस्थितियों के लिहाज से टीम ही सही नाम तय करेगी। शुरुआती मैचों में विजश शंकर यहां बल्लेबाजी करते दिख सकते हैं। लेकिन टीम लचीली होनी चाहिए। अगर हम वर्ल्ड कप जीतने का सोच रहे हैं, तो हमें ऐसी बातों को लेकर ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है, मिडल ऑर्डर का कोई भी बल्लेबाज नंबर 4, 5 और 6 पर खेलने को तैयार होना चाहिए। लेकिन रोहित, शिखर और विराट इन तीनों में से किसी एक को लंबे समय तक बैटिंग करनी पड़ेगी। किसी एक को एक ऐंड की जिम्मेदारी संभालनी होगी।
कंडिशंस के बारे में क्या?
मैं समझता हूं कि हमारे खिलाड़ियों ने इंग्लिश कंडिशंस में पर्याप्त क्रिकेट खेली है। वे अपनी जिम्मेदारी जानते हैं। एक चैंपियन टीम कभी भी इस बात के लिए चिंतित नहीं दिखती है कि वह पहले बैटिंग कर रही है या बाद में। टीम को हमेशा सकारात्मक सोच के साथ अपनी शुरुआत करनी चाहिए। यहां किसी भी तरह की नकारात्मकता को जगह नहीं है।
300 तक टारगेट पाना होगा
हर टीम को यह समझना होगा कि उन सभी को यहां छोटे मैदानों पर बल्लेबाजी के लिए अनुकूल पिचों पर ही खेलना है। हमें यह बात गांठ बांध लेनी चाहिए कि वर्ल्ड कप अच्छी बैटिंग पिचों पर खेला जाना है। सामान्य कंडिशंस में सभी टीमों को 300 तक के टारगेट को पाने का टारगेट पाना ही चाहिए। लेकिन यह भी कोई सुरक्षित टोटल नहीं होगा।
विरोधी टीमों के बारे में क्या राय है?
अचानक ही वेस्ट इंडीज ने शानदार क्रिकेट खेलनी शुरू कर दी है। उनके खेमे में कुछ शानदार पावर-हिटर बल्लेबाज हैं। साउथ अफ्रीका ने कभी भी वर्ल्ड कप नहीं जीता है। वह यहां उन पर लगा चोकर्स का तमगा हर हाल में हटाना चाहेंगे। स्मिथ और वॉर्नर की वापसी के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम सही मायनो में प्रतिस्पर्धी दिख रही है। और मेजबान टीम के बारे में क्या कहें। इयोन मॉर्गन की कप्तानी और ट्रेवर बेयलिस की कोचिंग में खेले 2015 वर्ल्ड कप के बाद उन्होंने वाइट बॉल क्रिकेट खेलने के लिए खुद को नए सिरे से निखारा है। यह टूर्नमेंट उनकी छाप वाला भी हो सकता है। लेकिन एक भारतीय होने के तौर पर मैं चाहूंगा, भारत ही यह खिताब जीते।