Home International श्री लंका आतंकी हमला : “पड़ोसियों को नहीं हो रहा है यकीन”

श्री लंका आतंकी हमला : “पड़ोसियों को नहीं हो रहा है यकीन”

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कोलंबो। श्री लंका में ईस्टर के दिन हुए धमाके के सदमे से अभी तक लोग उभर नहीं पाए हैं। कोलंबो की फातिमा फजला जो सबअर्ब इलाके में रहतीं हैं उन्हें अभी तक यकीन नहीं हो रहा कि उनके पड़ोसी भी आत्मघाती हमले में प्रमुख हमलाबर थे। माहेवेला गार्डंस में रहने वाले 2 भाइयों ने शंगरी-ला होटल और एक अन्य होटल में धमाके को अंजाम दिया।

पुलिस ने नहीं की नामों की पुष्टि
परिवार से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि 33 साल का कॉपर फैक्ट्री मालिक इंशाफ इब्राहिम ने शंगरी-ला होटल में हुए बम धमाके में प्रमुख आत्मघाती हमलावर था। एक रिश्तेदार ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि जब हमले के दिन पुलिस उसके घर पर रेड के लिए पहुंची तो उसके छोटे भाई इल्हाम इब्राहिम ने एक बम के जरिए खुद को, अपनी पत्नी और 3 बच्चों की जान ले ली।
इब्राहिम परिवार के घर से कुछ ही दूर पर रहनेवालीं फजला कहती हैं, ‘हमें हमेशा ऐसा लगता रहा कि वो लोग अच्छे लोग थे।’ बम धमाके को अंजाम देनेवाले भाइयों का नाम अभी तक न तो श्री लंका प्रशासन ने जारी किया है और न ही पुलिस ने उनके नामों की पुष्टि की है। हालांकि, स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में जरूर इनका जिक्र किया गया है।
दोनों भाइयों के पिता मोहम्मद इब्राहिम को पुलिस ने फिलहाल गिरफ्तार कर लिया है। इब्राहिम कोलंबो के अमीर बिजनसमैन हैं और उनके 6 बेटे और 3 बेटियां है। हालांकि, इब्राहिम के रिश्तेदार, स्टाफ और दोस्तों के लिए यह यकीन करना मुश्किल है कि उनका परिवार इन धमाकों को अंजाम देने में शामिल था।

मुश्किल वक्त में करते थे लोगों की मदद
दो युवा बेटियों की मां फजला का कहना है, ‘हम अभी तक यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि इस परिवार ने ऐसा किया। इस परिवार की इलाके में बहुत प्रतिष्ठा थी क्योंकि ये लोग मुश्किल वक्त में लोगों की खाने-पीने के सामान और पैसों से मदद करते थे।’ हालांकि, अब आनेवाले मुश्किल हालात के लिए चिंतित फजला कहती हैं कि जो कुछ भी हुआ, उसे कुछ लोगों ने अंजाम दिया, लेकिन उनके कारण सभी मुसलमानों को शक की नजर से देखा जा रहा है।
परिवार से जुड़े एक सूत्र ने बताया, ’31 साल का इल्हाम बहुत कट्टरपंथी सोच का था और वह स्थानीय इस्लामिक समूहों से जुड़ा हुआ भी था। वह खुले तौर पर तौहीद जमात की मीटिंग में शामिल होने का दावा करता था। पहले इसी संगठन पर धमाकों को अंजाम देने का आरोप था।’ हालांकि, रिश्तेदारों का कहना है कि उसका बड़ा भाई इंशाफ ज्यादा रहमदिल था और वह लोगों की अक्सर मदद करता था। जूलरी और दूसरे बिजनस के जरिए उसकी अच्छी कमाई होती थी और उसे पैसों की भी कोई दिक्कत नहीं थी।

वह अच्छे मालिक थे
इब्राहिम परिवार की पड़ोसी संजीवा जयसिंघे का कहना है कि मैं अभी तक सदमे में हूं। मेरे लिए भी यह यकीन करना बेहद मुश्किल हैं कि इस परिवार के सदस्यों ने इन बम धमाकों को अंजाम दिया। श्री लंका में लोगों में इब्राहिम परिवार के खिलाफ काफी नाराजगी है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो उन्हें याद कर रहे हैं। इंशाफ की कॉपर फैक्ट्री में काम करने वाले एक मजदूर का कहना है, ‘वह अच्छे मालिक थे और हमेशा दूसरों की मदद करते थे। उनके जैसा मालिक मिलना मुश्किल है। मैं उनके साथ काम करते हुए काफी खुश था।’

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