आगरा। कोरोना संक्रमण ने जहां देश-दुनिया में अपना कहर बरपा कर त्रासदी पैदा कर दी। ऐसे में हर किसी के समक्ष बड़ी और कड़ी चुनौतियां रहीं। इसी कड़ी में डाॅ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय ने लाॅकडाउन के दौरान अपनी गतिविधियों को सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप ऑनलाइन बेविनाॅर के माध्यम से जारी रखा। इसी विषय और विश्वविद्यालय की गतिविधियों द्वारा उठाए गए ऐतिहासिक कदमों के माध्यम से विश्वविद्यालय को मिली उपलब्धि पर डाॅ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल पत्रकारों से मुखातिब हुए और विस्तार से चर्चा की।
पत्रकारवार्ता के दौरान कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने बताया कि लाॅकडाउन के समय तकरीबन 40 बेविनाॅर आयोजित किए गए। जिसमें विश्वविद्यालय के समस्त विभागों की भागरीदारी रही। वहीं लाॅकडाउन खुलने के बाद अभियान्त्रिकी संस्थान और अन्य विभागों ने करीब 25 एफडीपी भी आयोजित कीं। इसके अलावा कुलपति ने इस पूरे अंतराल में किए कार्यों पर बिन्दुवार अपनी बात रखी।
1-विभिन्नि विभागों के माध्यम से नई शिक्षा नीति 2020 के प्रचार-प्रसार हेतु बेविनाॅर का आयोजन, समितियों का गठन और इसे लागू करने पर कार्य किया गया।
2-प्रदेश सरकार 12 विषयों में प्रदेश स्तर ऑनलाइन शिक्षण कार्य के लिए ई काॅटेंट तैयार कर विश्वविद्यालय द्वारा अपलोड किया गया, जिसके लिए विश्वविद्यालय को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।
3-नई शिक्षा नीति के अनुरूप संस्थानों और विभागों में यूजीसी द्वारा अनुदानित स्किल्ड डेवलपमेण्ट पाठ्यक्रम शुरू किए गए।
4-मानव संसाधन की परियोजना के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए आईटीआई संस्थान चयनित किए गए।
5-अभियान्त्रिकी पाठ्यक्रमों की एनबीएसे एक्रीडिटेशन के तहत सेल्फ प्लेटाफाॅर्म अपलोड किए गए।
6-संस्थानों और विभागों की कक्षाएं माइक्रोसोफ्ट टीम प्लेटफाॅर्म पर समयानुसार संचालित की जा रही है।
7-विश्वविद्यालय के सिलेबस को इंडस्ट्री के अनुरूप रिवीजन, शिक्षकों की ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
8-विवि ने डिग्री और माक्र्ससीट की समस्याओं के समाधान को ऑनलाइन किया है, ताकि विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय न आना पड़े।
9-नई शिक्षा नीति 2020 के तहत अधिकतम विद्यार्थियों को प्रवेश का मौका देना और दो वर्ष की गैप बाध्यता को खत्म करना शामिल है।
10- एकल फाॅर्म प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन 100 रुपए में वेब रेजिस्ट्रशन कर प्रवेश लिया जा सकता है।
11-स्ववित्त पोषित महाविद्यालयों के मानक पूरे न होने पर सीटों में 20 प्रतिशत की कटौती और शिक्षकों को उचित वेतन दिया जाना शामिल है।
12-विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की छात्रवृत्ति को ऑनलाइन की सुविधा प्रदान की गई है।
13-लम्बित पड़ी डीएससी और डीलिट पाठ्यक्रमों का निस्तारण, एमफिल और पीएचडी की ऑनलाइन मौखिक परीक्षाएं कराने की व्यवस्था।
14-छात्र हित में स्नातक स्तर पर तृतीय वर्ष में दो विषयों की जगह तीन विषय शिक्षण कार्य में बहाल किए गए हैं। एक से अधिक विषयों में अनुत्तीर्ण छात्रों को पुनः एक से अधिक पुर्न परीक्षा का प्रावधान।
15-स्ववित्त पोषित संस्थानों के व्यावसायिक व मैडीकल विषयों की परीक्षाएं विश्वविद्यालय में कराने की प्रक्रिया।
16- महाविद्यालयों की प्राभूत राशि की एफडी बैंक माध्यम से ऑनलाइन की गई है साथ ही ब्याज में 50-50 प्रतिशत विश्वविद्यालय और महाविद्यालय तय की गई है।
इन तमाम बिन्दुओं पर प्रकाश डालते हुए डाॅ. भीमराव विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने विश्वविद्यालय की भावी योजनाओं से रूबरू कराया। वहीं पत्रकारों ने सवाल-जवाब के माध्यम से अपनी जिज्ञासाओं का समाधान पाया।