बिज़नेस डेस्क। संदेसरा भाइयों ने भारतीय बैंकों को नीरव मोदी के मुकाबले कहीं ज्यादा चूना लगाया है। यह दावा है प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का। इस केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि जांच में स्टर्लिंग बायोटेक लि.(एसबीएल)/संदेसरा ग्रुप और इसके मुख्य प्रमोटरों, नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा ने भारतीय बैंकों के साथ लगभग 14,500 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया जबकि नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक को 11,400 करोड़ रुपये का झटका देने का आरोप है।
CBI ने अक्टूबर 2017 में की थी FIR
सीबीआई ने 5,383 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड के आरोप में कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ अक्टूबर 2017 में एफआईआर रजिस्टर किया था। उसके बाद ईडी ने भी मुकदमा दायर किया। सूत्रों के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला कि संदेसरा ग्रुप के विदेशों में स्थित कंपनियों ने भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से 9 हजार करोड़ रुपये लोन लिया था।
इन बैकों ने दिए थे लोन
जांच अधिकारी ने कहा कि एसबीएल ग्रुप भारतीय बैंकों से रुपये के साथ-साथ विदेशी मुद्रा में भी लोन लिए थे। ग्रुप को आंध्र बैंक, यूको बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), इलाहाबाद बैंक और बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) की अगुवाई वाले बैंकों के कंसोर्शियम ने लोन पास किया।
9,778 करोड़ की संपत्ति जब्त
जांच के दौरान यह भी पता चला कि लोन से मिली रकम का अनुमति से इतर इस्तेमाल किया और कुछ रकम को फर्जी देसी-विदेशी संस्थानों के जरिए इधर से उधर ट्रांसफर किए। मुख्य प्रमोटरों ने कर्ज की रकम न केवल नाइजीरिया में अपने तेल के कारोबार में लगाई, बल्कि इसका निजी मकसदों में भी इस्तेमाल किया। ईडी ने 27 जून को एसबीएल/संदेसरा ग्रुप का 9,778 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।