नई दिल्ली. दक्ष्णिी दिल्ली में एसडीएमसी के अवैध निर्माण पर कार्यवाही के खिलाफ दिल्ली हाइकोर्ट पहुंचे बिल्डर को 250 पीपीई किट शमशान घाट और अस्पतालो में दान करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही एक अन्य मामले में कोचिंग सेंटर में लगे बिजली मीटरों के कनेक्शन जोड़ने कि अनुमति मांगने वाले व्यक्ति को 25 पीपीई किट शमशान घाट में दान करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति नज़मी वजीरी कि पीठ ने एक निजी निर्माण कम्पनी कि ओर से दक्ष्णिी दिल्ली में एसडीएमसी द्वारा सील कि गयी दो संपत्तियों को बहाल करने कि मांग करने वाली याचिका पर निर्देश दिया कि अगर सम्पति से सील हटवाना चाहते है, तो उन्हें 250 पीपीई किट सरकारी अस्पतालो और शमशान घाट पर दान करनी होंगी। इसके लिए बिल्डर को चार सप्ताह का समय दिया है।
याची ने निगम कि कार्यवाही को हाइकोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि इससे पहले एसडीएमसी ने बिल्डर को अवैध निर्माण को खुद हटाने का मौका दिया लेकिन उसने निगम के निर्देशों का पालन नहीं किया था, याचिका में बिल्डर ने दावा किया कि उसने निगम के निर्देशों का पालन किया है। हालांकि बिल्डर ने संपत्तियों सील होने के बाद कोर्ट से दोबारा अवैध निर्माण को खुद हटाने कि अनुमति मांगी है।
दूसरे मामले में न्यायमूर्ति नज़मी वजीरी ने एक कोचिंग इंस्टिट्यूट से काटे गए 20 बिजली कनेक्शनोंको जोड़ने कि अनुमति देने के लिए याचिकाकर्ता को ICMR स्वीकृत 25 पीपीई किट्स नेब सराय शमशान घाट और हौजरानी कब्रिस्तान में दान करने का निर्देश दिया है
इस निर्देश के साथ ही पीठ ने याचिकाकर्ता को बिजली के बिल के भुगतान कि अनुमति दे दी।