नई दिल्ली। संसद भवन में शनिवार को कांग्रेस के 52 नवनिर्वाचित सांसदों, राज्यसभा सदस्यों और महासचिवों की बैठक में सोनिया गांधी को चौथी बार पार्टी के संसदीय दल का नेता चुना गया। सोनिया 2004 से लगातार इस पद पर बनी रहेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया ने 12 करोड़ वोटरों का कांग्रेस पर भरोसा जताने के लिए शुक्रिया अदा किया। राहुल ने कहा कि हर कांग्रेस सदस्य संविधान और बिना भेदभाव के भारत के हर नागरिक के लिए लड़ता रहेगा। बैठक में नई सरकार बनने के बाद 17 जून से शुरू हो रहे संसदीय सत्र के मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
25 मई को हुई थी बैठक
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद 25 मई को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई थी। इसमें राहुल ने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। हालांकि, सीडब्ल्यूसी ने इसे ठुकरा दिया था। इसके बाद यह पहला मौका है, जब राहुल गांधी पहली बार सार्वजनिक तौर पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिले। हालांकि, वे 28-29 मई को केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल और रणदीप सुरजेवाला के साथ चर्चा कर चुके हैं।
राहुल से मिलने की कोशिश, लेकिन मुलाकात का वक्त नहीं
राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटें हारने के बाद राहुल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से नाराज नज़र आ रहे हैं। दोनों नेता दिल्ली में तीन दिन तक राहुल से मिलने की कोशिश करते रहे, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें मुलाकात का वक्त नहीं दिया। बुधवार को दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित भी नेताओं के साथ राहुल से मिलने उनके घर गई थीं। लेकिन सभी बाहर इंतजार ही करते रहे। इसके बाद बुधवार को राहुल गांधी की कुछ तस्वीरें ट्विटर पर वायरल हुई थीं, जिनमें वे अपने पालतू कुत्ते पिडी को कार में घुमाते नजर आए थे।