हेल्मेट न लगाने वाले 43,600 टू-वीलर ड्राइवर्स की हादसों में हुई मौत

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    नई दिल्ली। ट्रैफिक के बढ़े जुर्माने को लेकर भले ही कुछ राज्यों ने ऐतराज जताया हो, लेकिन बिना हेल्मेट बाइक चलाने वालों की बात करें तो यह काफी खतरनाक साबित हुआ है। खुद उनके ही यह कितना जानलेवा है, इसकी तस्दीक महज यह आंकड़ा करता है कि 2018 में हेल्मेट न लगाने वाले 43,600 टू-वीलर ड्राइवर्स की हादसों में मौत हुई। 2017 के मुकाबले यह आंकड़ा 21 फीसदी ज्यादा था, तब 35,975 ऐसे बाइक राइडर्स की हादसे में मौत हुई थी, जिन्होंने मौके पर हेल्मेट नहीं लगा रखा था। यही नहीं बाइक या स्कूटर पर बिना हेल्मेट पीछे बैठने वाले लोगों की मौतों का आंकड़ा भी 15,360 का रहा। यह आंकड़ा बताता है कि हादसे की स्थिति में बाइक पर चलने वाले लोगों के लिए हेल्मेट जान बचाने के मकसद से कितना जरूरी है। यह जानना तब और महत्वपूर्ण हो जाता है, जब गुजरात और झारखंड जैसे राज्यों ने पीछे बैठने वाले लोगों को हेल्मेट न पहनने वालों को जुर्माने से छूट देने का ऐलान कर दिया है।

    गुजरात की बात करें तो बीते साल यहां ऐसे 958 टूवीलर ड्राइवर्स की हादसों में मौत हो गई, जिन्होंने हेल्मेट नहीं लगा रखा था। इसके अलावा साथ में बैठे ऐसे 560 लोग थे, जो हादसों में मारे गए। इसी तरह झारखंड में हेल्मेट के बगैर चलने वाले 790 दोपहिया चालकों को मौत का शिकार होना पड़ा, जबकि साथ में बैठे 450 लोग मारे गए। बीते सप्ताह ही दोनों राज्यों ने आधिकारिक रूप से ऐलान किया था कि यदि दोपहिया वाहन में पीछे बैठे यात्री ने हेल्मेट नहीं लगाया होगा तो उसका चालान नहीं काटा जाएगा। बिना हेल्मेट चलने वाले लोगों की मौत के आंकड़े के मामले में उत्तर प्रदेश 6,020 की संख्या के साथ पहले नंबर पर है। महाराष्ट्र में ऐसे 5,232 लोगों को जान गंवानी पड़ी।

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