इंटरनेशनल डेस्क। अमेरिका ने आरोपियों को चीन में प्रत्यर्पित करने के लिए हॉन्ग कॉन्ग कानूनों में प्रस्तावित संशोधन को लेकर चिंता व्यक्त की। अमेरिका ने चेताया है कि इस प्रकार का कदम क्षेत्र की स्वायत्तता को कमजोर कर सकता है और यह मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए नुकसानदेह हो सकता है। संशोधित कानून के तहत ऐसे आरोपियों को प्रत्यर्पित किया जा सकेगा जिनकी दोषसिद्धि साबित होने पर उन्हें 7 साल या इससे अधिक कारावास की सजा का प्रावधान है।
नया विधेयक मुख्य कार्यकारी के रूप में जाने जाने वाले हॉन्ग कॉन्ग के नेता को अदालतों की समीक्षा के बाद प्रत्यर्पण अनुरोध स्वीकार करने की अनुमति दे देगा। प्रस्तावित विधेयक के समर्थकों का कहना है कि संशोधन यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी हैं कि शहर अपराधियों का शरणस्थल नहीं बने। आलोचकों को इस बात की चिंता है कि चीन इस कानून का इस्तेमाल राजनीति विरोधियों और अन्य को चीन प्रत्यर्पित करने के लिए कर सकता है जहां उनकी कानूनी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टोगस ने कहा, ‘अमेरिका भगोड़ा अपराध अध्यादेश में हांगकांग सरकार के प्रस्तावित संशोधनों के बारे में गहरी चिंता व्यक्त करता है। यदि ये संशोधन पारित हो जाते हैं, तो चीनी प्राधिकारियों को लोगों को चीन प्रत्यर्पित किए जाने का अनुरोध करने की अनुमति मिल जाएगी।’ उन्होंने कहा कि हॉन्ग कॉन्ग में हजारों लोगों की ओर से एक दिन पहले किया गया शांतिपूर्ण प्रदर्शन स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि लोग इन प्रस्तावित संशोधनों के खिलाफ हैं।
ओर्टोगस ने कहा कि अमेरिका भी हांगकांग में कई लोगों की तरह इस बात को लेकर चिंतित है कि प्रस्तावित संशोधनों में प्रक्रियात्मक सुरक्षा का अभाव हॉन्ग कॉन्ग की स्वायत्तता को कमजोर कर सकता है। क्षेत्र में मानवाधिकारों, मौलिक स्वतंत्रता और लोकतांत्रित मूल्यों की सुरक्षा पर प्रतिकूल असर डाल सकता है।