नई दिल्ली .बिल्डर को हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए 1 अप्रैल से पहले कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिला है। उस प्रोजेक्ट में घर खरीदने वालों को बकाया राशि पर 12% जीएसटी देना होगा। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सवाल-जवाब वाले दूसरे स्पष्टीकरण में यह साफ किया है। इसके मुताबिक यदि बिल्डर ने जीएसटी की नई दर (5% सामान्य घरों के लिए और 1% अफोर्डेबल हाउसिंग) को चुना है तो वह चालू प्रोजेक्ट पर एक्युमुलेटेड क्रेडिट एडजस्ट नहीं कर सकेगा।
सीबीईसी ने रियल एस्टेट सेक्टर से संबंधित सवाल-जवाब वाला पहला स्पष्टीकरण पिछले हफ्ते जारी किया था। सीबीआईसी ने रियल एस्टेट सेक्टर के लिए दूसरा स्पष्टीकरण जारी किया, खरीदारों पर बोझ बढ़ेगा। इसमें एक अप्रैल से रियल एस्टेट सेक्टर के लिए लागू हुई जीएसटी की घटी दर के बारे में भ्रम दूर किया गया था। जीएसटी काउंसिल ने इस साल मार्च में इनपुट टैक्स क्रेडिट के लाभ के बिना सामान्य घरों पर जीएसटी के लिए 5% और अफोर्डेबल हाउसिंग पर 1% दर तय की थी। यह नई दर एक अप्रैल 2019 से लागू हुई है। इनपुट क्रेडिट के साथ सामान्य घरों पर जीएसटी की 12% और अफोर्डेबल हाउसिंग पर 8% है। चालू प्रोजेक्ट के संबंध में बिल्डरों को इनमें से कोई एक दर चुनने का विकल्प दिया गया था। एएमआरजी एसोसिएट्स के पार्टनर रजत मोहन के मुताबिक यह नया नियम उन करदाताओं के लिए बुरी खबर है जो डेफर्ड इन्वॉयसिंग की मदद से नई घटी दरों का लाभ लेना चाहते थे। ऐसी स्थिति में अब बिल्डर नई दर अपनाने आनाकानी कर सकते हैं। इससे पहले सीबीआईसी ने 41 सवाल-जवाब वाला स्पष्टीकरण जारी किया था।