एजुकेशन डेस्क।डीयू में यूजी सीटों के लिए देर शाम तक ओबीसी के लिए 48698, एससी के लिए 31039, एसटी लिए 6411 और ईडब्ल्यूएस के लिए 7730 कैंडिडेट फीस भरकर अपनी ऐप्लिकेशन पक्की कर चुके थे। रात 11:59 तक रजिस्ट्रेशन जारी था। दूसरी तरफ, पीजी के 73 कोर्सों के लिए 73675 ऐप्लिकेशन आ चुकी है। 110920 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। जहां जनरल कैटिगरी के लिए 41000 से ज्यादा ऐप्लिकेशन मिली हैं। ईडब्ल्यूएस के लिए 1650 ऐप्लिकेशन ही आई हैं। एमफिल-पीएचडी के लिए 5626 ऐप्लिकेशन मिलेगी। 21470 रजिस्ट्रेशन हुए हैं। दूसरी ओर, एंट्रेंस वाले एग्जाम 30 जून से 6 जुलाई तक होंगे। 2018 में डीयू को 271000, 2017 में 207751 और 2016 में 250220 ऐप्लिकेशन मिली थी।
योग्यता बदलने की वजह से स्टूडेंट्स परेशान
डीयू में कुछ कोर्सों की एलिजिबिलिटी बिना किसी संकेत के अचानक बदलने पर स्टूडेंट्स परेशानी और उलझन में हैं। यूनिवर्सिटी में कई अंडरग्रैजुएट कोर्सों में अप्लाई करने की योग्यता में बड़े बदलाव किए गए हैं जिससे डीयू सीट की फाइट में शामिल होना भी स्टूडेंट्स के लिए मुश्किल हो गया। यह मामला हाई कोर्ट पहुंचा है और अदालत ने भी बिना वक्त दिए इस फैसले पर ऐतराज जताया है। कोर्ट ने आदेश को सुरक्षित रखा है, ऐसे डीयू की कटऑफ के शेड्यूल पर भी असर पड़ सकता है।
मगर डीयू की ओर से देर शाम तक चुप्पी छायी रही। डीयू कैंपस में भी स्टूडेंट्स ने भी इस पर विरोध किया है। इन बदलावों को लेकर डीयू के कुछ टीचर्स ने भी आवाज उठाई डीयू की यूजी बुलेटिन के मुताबिक, बीकॉम ऑनर्स में अप्लाई करने के लिए बेस्ट फोर का स्कोर कम के कम 45% से 60% कर दिया गया। इसके अलावा मैथ्स/बिजनस में अब कम से कम 50% जरूरी कर दिए गए हैं। इसी तरह से बीकॉम के लिए कम से कम 60% नंबर की एलिजिबिलिटी रख दी गई है, पिछले साल 40% की थी।
सभी बीए ऑनर्स के लिए एलिजिबिलिटी 50% से 55% कर दिया है, जो पिछले साल 45% था। वहीं, पहले इको ऑनर्स के लिए मैथ्स पढ़ी होनी जरूरी थी मगर अब मैथ्स बेस्ट फोर में शामिल करनी जरूरी है। 60% की शर्त इको ऑनर्स के लिए भी है। बीएससी मैथ्स ऑनर्स और बीएससी स्टैटिस्टिक्स ऑनर्स के लिए अब 45% से 50% से कम वाला स्टूडेंट अप्लाई नहीं कर पाएगा। अब 60% होना जरूरी है। बीएससी में बेस्ट तीन सब्जेक्ट में 55% एलिजिबिलिटी नहीं रही, 60% हो गई है।