नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को कानून के 20 वर्षीय एक छात्र द्वारा दायर याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया जिसमें कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाने और अभिभावकों को इसका लाइव प्रसारण करने के दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि इस फैसले से निजता के अधिकार का उल्लंघन होता है।
कोर्ट ने कहा 2017 के फैसले पर रोक क्यों नहीं लगाई
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से यह जवाब देने को कहा कि उसके 2017 के फैसले पर क्यों नहीं रोक लगाई जानी चाहिए। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया और उससे जवाब मांगा। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज के लाइव प्रसारण से निजता का उल्लंघन होगा।
टिकू के फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में तीसरे वर्ष के छात्र अंबर टिकू द्वारा दायर याचिका में दिल्ली सरकार के 11 सितंबर, 2017 के फैसले को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। याचिका में दलील दी गई है कि सरकार का यह फैसला सर्वोच्च अदालत के फैसले का सीधा उल्लंघन है जिसमें निजता के अधिकार को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार ठहराया गया है।