पश्चिम बंगाल। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विपक्षी एकजुटता की कवायद शुरू हो गई है। विपक्ष के कई नेता एक दूसरे से मिल रहे हैं और 2024 को लेकर नई रणनीति बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इन सब के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि विपक्ष को प्रधानमंत्री पद का चेहरा कौन होगा? वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी बयान सामने आ गया है। ममता बनर्जी ने विपक्षी एकता पर कहा कि नीतीश कुमार, हेमंत सोरेन, मैं और अन्य नेता 2024 के लोकसभा चुनाव में एक साथ आएंगे। उन्होंने कहा कि 2024 में हम एक खेल खेलेंगे जो बंगाल से शुरू होगा। हेमंत (सोरेन), अखिलेश (यादव), नीतीश (कुमार), मैं और अन्य दोस्त तब एकजुट होंगे। फिर वे (भाजपा) सरकार कैसे बनाएंगे? बीजेपी सरकार की कोई जरूरत नहीं।
इसका मतलब साफ है कि विपक्ष के नेता साथ आने को तो तैयार हैं लेकिन पीएम पद की दावेदारी को लेकर अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं। ममता का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार के मुख्यमंत्री एनडीए से अलग होकर विपक्षी एकजुटता की कवायद में दिल्ली पहुंचे थे और विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की थी।
शेख हसीना पर बयान
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत यात्रा पर हैं। उनकी इस यात्रा पर ममता बनर्जी ने कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं लेकिन केंद्र ने भारत की उनकी आधिकारिक यात्रा का हिस्सा बनने के लिए मुझे आमंत्रित नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब बांग्लादेश की प्रधान मंत्री भारत आईं और मुझसे मिलने की इच्छा के बावजूद बंगाल नहीं आईं। मुझे नहीं पता कि वे (भाजपा) इतने गुस्से में क्यों हैं। उन्होंने मुझे कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए शिकागो और चीन सहित कई जगहों पर जाने नहीं दिया। बनर्जी ने कहा कि मैं विदेश मामलों या द्विपक्षीय संबंधों के बारे में बात करना नहीं चाहती लेकिन मैंने देखा है कि जब भी मुझे किसी देश में आमंत्रित किया जाता है तो केंद्र मुझे रोकने की कोशिश करता है।
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इसके साथ ही ममता ने दिल्ली में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति पर भी बयान दिया। ममता ने कहा कि मुझे बुरा लगता है कि वे अब दिल्ली में नेताजी की मूर्ति बना रहे हैं। पहले मौजूद मूर्ति का क्या? मुझे एक सचिव का पत्र मिला जिसमें कहा गया है कि पीएम आज प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे और कार्यक्रम शुरू होने से पहले आप वहां रहें। क्या मैं उनकी बंधुआ मजदूर हूं? इसके साथ ही भाजपा नेताओं पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि बीरभूम जिले को नहीं पता कि कैसे हारना है। जब तक ‘केस्तो’ (बीरभूम टीएमसी विधायक अनुब्रत मंडल) वापस नहीं लौटेंगे, हमारी लड़ाई मजबूत रहेगी। वे (भाजपा) झूठ बेच रहे हैं और जिला स्तर के नेताओं को डराने के लिए एक के बाद एक मंत्रियों को निशाना बनाने का फैसला किया है।