- भारत में कोरोना से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 16365 हुई, देशभर में अबतक कुल 521 लोगों की मौत।
- 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 54 जिलों में पिछले 14 दिनों में कोरोना वायरस का कोई मामला नहीं।
- लॉकडाउन के दौरान गैर आवश्यक वस्तुओं के सप्लाई पर रोक, प्रवासी मजदूरों को लेकर नए दिशा निर्देश।
नई दिल्ली। वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस का प्रकोप भारत में तेजी से फैल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1334 नए केस सामने आए हैं। वहीं कोरोना के संक्रमण से 27 लोगों की मौत भी हुई है। जिसके बाद भारत में कोरोना से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 16365 हो गई है। वहीं अबतक कुल 521 लोगों की जान जा चुकी है।
54 जिलों में 14 दिनों से कोई नया मामला नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 54 जिलों में पिछले 14 दिनों में कोरोना संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। वहीं देश भर में अबतक 2466 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो चुके हैं। वहीं पिछले 28 दिनों में पुदुचेरी के माहे और कर्नाटक के कोडागु में कोई नया मामला दर्ज नहीं हुआ।
कोरोना के 755 डेडिकेटेड अस्पताल
लव अग्रवाल ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए देश में 755 डेडिकेटेड अस्पताल और 1389 डेडिकेटेड हेल्थ केयर सेंटर्स बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर 2144 कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जा सकता है।
अब तक कोरोना के 3,86,791 परीक्षण
आईसीएमआर के रमन आर गंगा-खेडकर ने बताया कि हमने अब तक 3,86,791 परीक्षण किए हैं। कल 37,173 परीक्षण किए गए थे, इनमें से 29,287 परीक्षण आईसीएमआर नेटवर्क की प्रयोगशालाओं में किए गए थे। वहीं 7,886 निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया गया।
कम्यूनिटी टेस्टिंग के समय स्वास्थ्यकर्मियों को मिले पर्याप्त सुरक्षा
गृहमंत्रालय ने राज्यों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि राज्य सरकारें कम्यूनिटी टेस्टिंग के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराए। इसके लिए वे टीम में स्थानीय धार्मिक नेताओं को भी शामिल करे और शांति कमेटियों को सक्रिय करें। लोगों के अंदर टेस्टिंग को लेकर फैली भ्रांतिओं को भी दूर करने की कोशिश की जाए।
परिस्थितिओं के आधार पर दी जाए छूट
गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि लोगों की वास्तविक परिस्थितिओं का आंकलन कर ही उन्हें लॉकडाउन के दौरान छूट दी जाए। प्रवासी मजदूरों को अपने घरों तक जाने के दौरान अधिकारी उनमें सोशल डिस्टेंशिंग का पालन कराएं। जिसके बाद वे अपने गृहक्षेत्र में अनुमति प्राप्त आर्थिक गतिविधियों में शामिल हो सकें।