नई दिल्ली। सीखने की कोई उम्र नहीं होती इस कहावत को सच कर दिखा रहीं हैं 87 साल की लक्ष्मी दादी। जब दादी गुरुवार को इग्नू के अध्ययन केंद्र में पढ़ने पहुंची तो सभी टीचर्स और छात्रो ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया। उम्र के इस दौर में जहाँ ज्यादातर बुजुर्ग दूसरो पर आश्रित हो जाते हैं वहीं लक्ष्मी उन सभी के लिए तथा युवाओं के लिए प्रेरणा बन कर एक उदहारण पेश कर रहीं हैं । उन्होंने बताया की वे शिक्षिका के पद से रिटायर्ड हैं । रिटायर होने के बाद उन्होंने भोजन एवं पोषण सर्टिफिकेट कोर्स में दाखिला लिया है।महाराजा बिजली पाली राजकीय पीजी कॉलेज में चल रहे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विवि (इग्नू) के अध्ययन केंद्र का नजारा कुछ और ही था। भोजन एवं पोषण सर्टिफिकेट कोर्स की क्लास सुबह 11 बजे शुरू होने वाली थी और सभी की निगाहें कमरे के दरवाजे पर थीं।इंतज़ार था तो उस नई छात्रा का,कुछ ही समय में इंतजार पूरा हुआ और क्लास की सबसे सीनियर स्टूडेंट 87 वर्षीय लक्ष्मी श्रीवास्तव ने प्रवेश किया। उनके आते ही स्टूडेंट और टीचर सभी ने प्रसन्नता से खड़े होकर तालियों से उनका स्वागत किया। दादी की उम्र के इस पड़ाव में भी पढ़ाई के प्रति उनकी इच्छा व ललक देख सभी अचंभित से थे। क्लास में पहुंचकर लक्ष्मी दादी ने अपना परिचय दिया और स्टूडेंट्स ने भी उन्हें वैसा ही प्यार व सम्मान दिया, जैसा वे दादी-नानी को देते हैं। आस्था ओल्ड ऐज हॉस्पिटल में रहने वालीं लक्ष्मी श्रीवास्तव गुरुवार को अपनी पहली क्लास अटेंड करने इंग्नू सेंटर पहुंचीं थीं।चेहरे पर मंद सी मुस्कान,हाथ में आईकार्ड व दाखिले का कन्फर्मेशन लेटर ।उन्होंने बताया कि वह शिक्षिका थीं और रिटायर होने के बाद महानगर स्थित आस्था ओल्ड ऐज हॉस्पिटल में रहतीं हैं। संस्कृत और जिऑग्रफी में एमए कर चुकीं हैं ।लक्ष्मी ने बताया कि रिटायर होने के बाद वह अपने भाई के पास प्रयागराज में रह रही थीं और बाद में लखनऊ वापस आ गईं।
साथियों के साथ साझा किये पढ़ाई के टिप्स
क्लास में दादी ने शिक्षकों को धयानपूर्वक सुना व इसके अलावा उन्होंने क्लास के अपने साथियों को पढ़ाई के टिप्स भी दिए। उन्होंने कहा कि कक्षा में जाने से पहले हर विद्यार्थी को अपनी अध्ययन सामग्री को अच्छी तरह पढ़ना चाहिए, तभी उन्हें कक्षाओं में पढ़ाया जाने वाला विषय समझ में आएगा। उन्होंने जून-2019 सत्रांत परीक्षा के लिए अपना परीक्षा फॉर्म क्षेत्रीय केंद्र की अधिकारियों को दिया। इस मौके पर क्षेत्रीय निदेशक डॉ। मनोरमा सिंह, सहायक क्षेत्रीय निदेशक डॉ। कीर्ति विक्रम सिंह, महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ। मंजू दीक्षित सहित 19 विद्यार्थी भी मौजूद रहे।