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महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे की बढ़ी मुश्किलें, किया पीएम मोदी को फोन

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प्रतीकात्मक फोटो

मुंबई। कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी डगमगाने लगी है। महाराष्ट्र कैबिनेट ने दो बार उद्धव ठाकरे को एमएलसी नामित करने के लिए प्रस्ताव पास कर भेजा था लेकिन महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अभी तक कोई भी फैसला नहीं लिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पीएम नरेंद्र मोदी को फोन कर महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। पीएम मोदी ने उन्हें जल्द से जल्द मामले को हल कराने का आश्वासन दिया है।

  • महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे की मुश्किल बढ़ी, विधानमंडल के लिए चुने जाने के लिए सिर्फ एक महीने का वक्त।
  • कोरोना के कारण कोई चुनाव होने की संभावना नहीं, मंत्रिमंडल के प्रस्ताव पर अब तक गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने नहीं लिया कोई निर्णय।
  • खतरे में कुर्सी देख महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने पीएम नरेंद्र मोदी को किया फोन, राजनीतिक घटनाक्रम पर की चर्चा।

सूत्रों ने अनुसार बुधवार को उद्धव ठाकरे ने पीएम नरेंद्र मोदी को फोन किया। उन्होंने पीएम मोदी को महाराष्ट्र के सियासी संकट से अवगत कराते हुए कहा कि राज्य में कोरोना संकट अपने चरम पर है। इसी बीच राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा महाराष्ट्र जैसे राज्य में राजनीतिक अस्थिरता सही नहीं है, इससे आम जनता में गलत संदेश जाएगा। ठाकरे ने पीएम मोदी से इस विषय पर गौर करने का आग्रह किया है। बताया जा रहा है कि उद्धव की बातें सुनकर पीएम मोदी ने उन्हें मामले को जल्द देखने की बात कही है। बता दें कि उद्धव ठाकरे को 28 मई से पहले संविधान के अनुसार किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी है।

आघाड़ी ने उद्धव को MLC नामित करने का किया आग्रह
महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार का समर्थन करने वाले चार छोटे दलों के नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को MLC नामित करने के राज्य मंत्रिमंडल के प्रस्ताव पर निर्णय लेने का आग्रह किया। कोश्यारी को भेजे अपने संयुक्त पत्र में, सत्तारूढ़ एमवीए का समर्थन करने वाले दलों के नेताओं ने कहा कि राज्यपाल को कारणों को स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने अब तक ठाकरे को क्यों नहीं नामित है।

इन नेताओं ने भेजा राज्यपाल को पत्र
किसान और वर्कर्स पार्टी के नेता जयंत पाटिल, जनता दल (एस) के महाराष्ट्र अध्यक्ष शरद पाटिल, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (एसएसएस) के राजू शेट्टी और आरपीआई (एस) के नेता श्याम गायकवाड़ ने यह पत्र भेजा है। पत्र में इन दलों ने कहा कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने राज्य के विधान परिषद में ठाकरे की नियुक्ति करने का प्रस्ताव पहले 9 अप्रैल को भेजा था और उन्हें 28 अप्रैल को इसके बारे में याद दिलाया था, लेकिन अब तक निर्णय लिया जाना बाकी है।

कोश्यारी पर टिकी हैं सबकी नजर
महाराष्ट्र के सियासी संकट के बीच अब सबकी नजरें सिर्फ और सिर्फ महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर टिकी हुई हैं। उद्धव कैबिनेट के सदस्य ने कहा कि कोश्यारी ने हमारी बात सुनी लेकिन उनका रवैया टाल-मटोल वाला रहा है। इसलिए हमें नहीं पता कि वह हमारी याचिका को स्वीकार करेंगे या नहीं। उन्होंने कहा कि ठाकरे के नामांकन पर अनिश्चितता के मद्देनजर सरकार विधान परिषद चुनावों के लिए चुनाव आयोग से संपर्क करने पर विचार कर रही है।

नौ सीटों के लिए 24 अप्रैल को होने थे चुनाव
पहले की योजना के अनुसार नौ सीटों के लिए 24 अप्रैल को चुनाव होने थे और ठाकरे को चुनाव लड़ना था। हालांकि कोरोना वायरस की वजह से आयोग ने चुनाव को स्थगित कर दिया। इसी वजह से मुख्यमंत्री चाहते हैं कि राज्यपाल अपने कोटे की खाली पड़ी दो सीटों में से एक पर उन्हें नामित कर दें।

नहीं लिया याचिका पर कोई निर्णय
कैबिनेट ने 9 अप्रैल को राजभवन में उनके नामांकन के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, लेकिन हाल ही में यह बताया गया कि तकनीकी आधार पर उनकी याचिका पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिसके बाद कैबिनेट ने सोमवार को नई सिरे से प्रस्ताव पारित किया। जिसमें आयोग को जल्द से जल्द या 20 मई से पहले राज्य में परिषद के चुनाव कराने के लिए कहा गया है।

एक माह के भीतर विधान परिषद का सदस्य बनना होगा
उद्धव ठाकरे ने राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर 27 नवंबर को शपथ ली थी। वह इस समय न तो राज्य से विधायक हैं और न ही विधान परिषद के सदस्य। संविधान के अनुसार उन्हें छह माह के अंदर किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी है। जिसके लिए समयसीमा 27 मई को खत्म हो रही है।

कोरोना ने बिगाड़ा गणित
जनवरी 2020 में विधान परिषद की दो सीटों के लिए चुनाव भी हुए, लेकिन उद्धव ठाकरे ने चुनाव नहीं लड़ा। 24 मार्च को विधान परिषद की धुले नांदुरबार सीट पर उपचुनाव होना था। 24 अप्रैल को विधान परिषद की 9 और सीटें खाली हो गई हैं। उद्धव ठाकरे ने उम्मीद लगाई थी कि वह इनमें से किसी एक सीट से चुनाव जीत जाएंगे और मुख्यमंत्री बने रहेंगे। इसी बीच कोरोना वायरस ने सारा गणित बिगाड़ दिया। इन सभी 10 सीटों पर चुनाव टाल दिए गए हैं।

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