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औद्योगिक गतिविधियों के ठप होने से अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित

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मुंबई। कोरोनावायरस से लॉकडाउन के कारण देशभर में मांग और सप्लाई चेन पर बुरा असर पड़ा है। इससे मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) गिरकर 27.4 पर आ गया। अब तक का यह सबसे निचला स्तर है। इंडेक्स में गिरावट इस बात का संकेत है कि देश में मैन्युफैक्चिरंग से लेकर लगभग सभी सेक्टर में काम रुक गया है। कोरोनावायरस के कारण 25 मार्च से देशभर में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था।

पीएमआई इंडेक्स के शुरू होने के बाद यह सबसे न्यूनतम स्तर
औद्योगिक गतिविधियों के रुकने के कारण अप्रैल में पीएमआई इंडेक्स 27.4 पर पहुंच गया। इससे पहले मार्च में यह 51.8 पर था। 2005 में पीएमआई इंडेक्स के शुरू होने के बाद यह सबसे न्यूनतम स्तर पर है। आईएचएस मार्केट में इकोनॉमिस्ट का कहना है कि मार्च में भारत की औद्योगिक गतिविधियों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा था, लेकिन अप्रैल में लॉकडाउन के असर को साफ देखा जा सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्पादन में भारी गिरावट आई है और नए ऑर्डर भी नहीं मिल रहे, इससे रोजगार पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है। 2005 में सर्वे की शुरुआत होने के बाद यह सबसे खराब आंकड़ा है। यह देश के मंदी की तरफ भी जाने की ओर संकेत करता है।

प्रमुख रेटिंग एजेंसियों ने ग्रोथ रेट के अनुमान को कम किया
लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान से बचाने के लिए सरकार और आरबीआई ने राहत पैकेज की घोषणा की है, इसके बावजूद अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट आने की आशंका है। फिच, मूडीज, आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक समेत दुनिया की कई बड़ी एजेंसियों ने देश की ग्रोथ रेट के अनुमान में काफी कटौती की है। बार्कलेज ने ग्रोथ रेट को कम करके शून्य पर ला दिया है।

क्या है मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स
पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्‍स (पीएमआई) मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर की आर्थिक सेहत को मापने का एक इंडिकेटर है। इसके जरिए किसी देश की आर्थिक स्थिति का आंकलन किया जाता है। पीएमआई सेवा क्षेत्र समेत निजी क्षेत्र की अनेक गतिविधियों पर आधारित होता है। इसमें शामिल तकरीबन सभी देशों की तुलना एक जैसे मापदंड से होती है।

पीएमआई का मुख्‍य मकसद इकोनॉमी के बारे पुष्‍ट जानकारी को आधिकारिक आंकड़ों से भी पहले उपलब्‍ध कराना है, जिससे अर्थव्‍यवस्‍था के बारे में सटीक संकेत पहले ही मिल जाते हैं। पीएमआई 5 प्रमुख कारकों पर आधारित होता है। इन पांच प्रमुख कारकों में नए ऑर्डर, इन्‍वेंटरी स्‍तर, प्रोडक्‍शन, सप्‍लाई डिलीवरी और रोजगार वातावरण शामिल हैं।

किस बात की जानकरी देता है पीएमआई इंडेक्स
पीएमआई की शब्दावली में इंडेक्स के 50 से ऊपर रहने का मतलब यह होता है कि संबंधित उद्योग में विकास हुआ। इंडेक्स के 50 से नीचे रहने का मतलब यह हुआ कि उद्योग में गिरावट आई। यह 50 से जितना नीचे या ऊपर होता है, उद्योग में उतनी ही अधिक गिरावट या विकास का पता चलता है। फरवरी के लिए यह पहला आधिकारिक आर्थिक संकेतक है, जो यह बता रहा है कि दुनिया की दूसरी अर्थव्यवस्थाओं पर भी वायरस का बुरा असर हो सकता है।

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