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सैमसंग ने 3000 कर्मचारियों के साथ शुरू किया काम

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  • नोएडा के सेक्टर 81 स्थित सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के प्लांट में काम शुरू।
  • 3000 मजदूरों के साथ कंपनी ने शुक्रवार को अपना कामकाज शुरू किया।
  • जिले में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 200 हुआ, 109 मरीज पूरी तरह ठीक हुए।
  • नोएडा में 620, ग्रेटर नोएडा में 417 कंपनियों के संचालन की मिली है अनुमति।

यूपी/नोएडा। कोरोनावायरस संक्रमण से जूझ रहे उत्तर प्रदेश के बिजनेस हब नोएडा में अब धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर आने लगी है। नोएडा के सेक्टर 81 स्थित सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के प्लांट में काम शुरू हो गया। शुक्रवार को 3000 मजदूरों के साथ कंपनी ने कामकाज शुरू कर दिया। इन सभी कर्मचारियों को बसों के जरिए फैक्ट्री तक लाया गया था।

सरकार ने लॉकडाउन-3 में सीमित कर्मचारियों के साथ फैक्ट्री के संचालन को मंजूरी दी है। 35 एकड़ में फैली इस फैक्ट्री का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने किया था। यह दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है।

जरूरी एहतियात के साथ शुरू हुआ नोएडा में काम
नोएडा में दुकानदार, कारोबारी और निजी दफ्तर वालों ने जिला प्रशासन के आदेशों के बाद जरूरी एहतियात के साथ अपने प्रतिष्ठान खोल दिए हैं। इसमें ये लोग स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी सभी जरूरी गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं। सेक्टर 25 जलवायु विहार में मदान रिटेल स्टोर पर लोगों को बिना मास्क के स्टोर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। प्रवेश देने से पहले खरीदारों की थर्मल स्कैनिंग भी की जा रही है। स्टोर संचालक राजेंद्र मदान ने बताया कि हम सभी को कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी गाइडलाइंस का पालन करना होगा, तभी हम इससे निपट पाएंगे। दुकान में सेल्समैन सामान निकालने में लोगों की मदद भी कर रहे हैं। साथ ही हिदायत दे रहे हैं कि कोई भी ज्यादा देर तक एक जगह खड़ा न हो और उचित दूरी पर खड़े होकर सामान खरीदे।

इजाजत मिली पर उद्योगों का पहिया घूमने में लगेगा वक्त
कारोबारियों को उद्योग चलाने के लिए परमिशन मिलनी शुरू हो गई है। सैकड़ों कारोबारियों को मंजूरी मिल चुकी है, जबकि सैकड़ों ने अनुमति के लिए आवेदन किया है। कारोबारियों का कहना है कि अभी उद्योग चलाने के लिए परेशानियां झेलनी पड़ेंगी। काफी दिनों बाद उद्योगों का पहिया रफ्तार पकड़ेगा। उनका कहना है कि मौजूदा हालात में उद्योग चलाने में कई तरह की परेशानियां आएंगी। इनमें वर्कर्स को औद्योगिक इकाइयों तक लाना और छोड़ना, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ काम करना, परिवहन सेवा और कच्चा माल लाने और तैयार माल को पहुंचाने में परेशानी आएगी।

यूपी का बिजनेस हब है नोएडा, अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी सब सामान्य होना
कोरोना वायरस से नोएडा शहर शुरुआत में जहां तेजी से प्रभावित हुआ, वहीं बाद में बीमारी की रफ्तार पर लगाम लगी। दिल्ली से जुड़ा होने के बावजूद यहां सिर्फ 200 मरीज ही मिले और उनमें से भी 109 ठीक हो चुके हैं। नोएडा में सब सामान्य होना बिजनेस और अर्थव्यवस्था के लिए बेहद जरूरी है। यहां सैकड़ों मल्टिनेशनल कंपनियों के दफ्तर हैं, जिनसे लाखों लोगों की जिंदगियां जुड़ी हुई हैं। ऐसे में धीरे-धीरे ही सही, सब सामान्य होने से इकॉनमी को रफ्तार मिलेगी।

जिले में 200 कोरोना मरीज, 109 हुए पूरी तरह ठीक
गौतमबुद्धनगर में गुरुवार को भी 10 कोरोना मरीज मिले। इनमें से 5 अस्पताल के कर्मचारी हैं। जिले में कुल मरीजों का आंकड़ा अब 200 पार कर चुका है। 109 मरीज कोरोना को मात देकर अपने घर लौट चुके हैं। इससे पहले 3 डॉक्टर समेत 19 मेडिकल स्टाफ कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।

417 कंपनियों को मिली काम करने की अनुमति
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने गुरुवार को 195 कंपनियों और 51 बिल्डरों को काम की अनुमति दी। यहां अब तक कुल 417 कंपनियों और 92 बिल्डरों को काम की अनुमति मिल चुकी है। डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर और ओप्पो मोबाइल कंपनी को भी काम की अनुमति दी गई है। गुरुवार को काम के लिए 668 कंपनियों व 55 बिल्डरों ने काम के लिए आवेदन किया था। बिल्डरों के चार आवेदन रिजेक्ट हो गए।

नोएडा अथॉरिटी ने रिजेक्ट किए 1500 आवेदन
नोएडा अथॉरिटी के पास करीब 2200 इंडस्ट्री से आवेदन आए थे, बुधवार तक 620 को संचालन की एनओसी दे दी गई और 1500 के आवेदन कैंसल कर दिए गए। वहीं 17 बिल्डर प्रॉजेक्ट, और 34 संस्थानों को संचालन की अनुमति दी गई है।

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