बारबाडोस/नईदिल्ली। आईसीसी के एलीट पैनल में शामिल रहे वेस्टइंडीज के अंपायर स्टीव बकनर ने माना कि उन्होंने दो मौकों पर सचिन को गलत आउट दिया था। उन्हें आज भी अपने इन फैसलों का अफसोस है। बकनर ने अपने रिटायरमेंट के 11 साल बाद बारबाडोस के एक रेडियो प्रोग्राम में इस बारे में बात की।
उन्होंने कहा, ‘‘सचिन को दो मौकों पर गलत आउट दिया। मुझे नहीं लगता कि कोई भी अंपायर गलत काम करना चाहेगा, क्योंकि यह उसके साथ हमेशा रहता है और इससे उसका भविष्य भी खराब हो सकता है।’’
आज भी गलत आउट देने का अफसोस
बकनर ने कहा कि गलती इंसान से ही होती है। मैंने एक बार ऑस्ट्रेलिया में 2003 में उन्हें एलबीडब्ल्यू आउट दिया था, जबकि जेसन गिलेस्पी की गेंद विकेट के ऊपर से जा रही थी। दूसरी बार 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में ऐसा हुआ। वह विकेट के पीछे आउट हुए थे। लेकिन रिप्ले में साफ दिखा था कि गेंद बल्ले से छूकर नहीं निकली थी।
शोर की वजह से सुन नहीं पाया
उन्होंने बताया कि मैच ईडन गार्डन में हो रहा था। जब आप वहां होते हैं और भारत बल्लेबाजी कर रहा होता है, तो आपको कुछ नहीं सुनाई देता है, क्योंकि एक लाख से ज्यादा दर्शक शोर मचा रहे होते हैं। वह मेरी गलती थी, मैं इसे मानता हूं। मुझे आज भी इसका अफसोस है। इंसान ही गलती करता है और उसे इसे स्वीकार करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
सचिन टेस्ट में सबसे ज्यादा शतक बनाने के रिकॉर्ड से चूके
ईडन गार्डन में जब बकनर ने सचिन को अब्दुल रज्जाक की गेंद पर आउट दिया था। तब वे टेस्ट में सबसे अधिक शतक बनाने के रिकॉर्ड से कुछ रन ही पीछे थे। वे 52 रन पर थे और पहली पारी में भी अर्धशतक लगा चुके थे। इस मैच से पहले सचिन के टेस्ट में 34 शतक हो चुके थे। अगर वे आउट नहीं होते तो सुनील गावस्कर के सबसे ज्यादा 34 टेस्ट शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ देते। लेकिन बकनर की गलती की वजह से वे तब यह उपलब्धि हासिल नहीं कर पाए।