लखनऊ। प्राइमरी टीचर लम्बे समय से कोर्ट आदेश की प्रतीक्षा में थे। उत्तर प्रदेश के प्रथमिक स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के मामले पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को अहम फैसला सुनाया। इस फैसले पर हजारों शिक्षामित्रों की निगाहें टिकी थीं, लेकिन उन्हें कोर्ट से झटका मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के मौजूदा कट ऑफ को सही ठहराया है। शिक्षक भर्ती में जारी कट ऑफ मार्क्स को लेकर शिक्षामित्रों ने विरोध किया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। जिस पर फैसला देते हुए कोर्ट ने बढ़े हुए कट ऑफ को अनुमति दे दी है।
37339 शिक्षा मित्रों को सुप्रीम कोर्ट से झटका
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से 37339 शिक्षा मित्रों को तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट में उन्होंने योगी सरकार के 31,661 पदों को भरने के आदेश को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों के सपनों पर पानी फेरते हुए रोकी गई 37,339 भर्तियों का भी रास्ता साफ कर दिया है। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील को खारिज करते हुए कोर्ट ने ये फैसला लिया। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के इस वक्तव्य को भी रिकॉर्ड पर लिया कि नए कट ऑफ की वजह से नौकरी से वंचित रह गए शिक्षा मित्रों को अगले साल एक और मौका दिया जाएगा। कोर्ट के आदेश के बाद अब शिक्षा मित्र एक साल तक अपनी दावेदारी से वंचित रहेंगे।