वाशिंगटन। देशहित सर्वोपरि की परंपरा को कायम रखते हुए भारत ने बड़ी डील की है। भारत समेत दुनिया के कई देशों में जारी कोरोना वैक्सीन रिसर्च अपने अंतिम चरण में है। मॉडर्ना और फाइजर ने तो वैक्सीन ट्रायल पूरे होने का दावा भी कर दिया है और वैक्सीन को 95% तक सुरक्षित भी बताया है। कई कंपनियों ने ट्रायल में अच्छे परिणाम को देखते हुए बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर दिया है तो बड़े देशों के बीच इनकी खरीद और सौदों को लेकर होड़ मच गई है। ऐसे में भारत ने भी 150 करोड़ से अधिक डोज खरीदने के लिए एडवांस बुकिंग करा दी है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 वैक्सीन डोज खरीद प्रतिबद्धता के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है। भारत से पहले अमेरिका और यूरोपीय यूनियन का नंबर है। यह रिपोर्ट ड्यूक यूनिवर्सिटी के लॉन्च और स्केल स्पीडोमीटर इनिशिटिव पर आधारित है, जो निम्न आय वर्ग वाले देशों में हेल्थ इनोवेशन की पहुंच में बाधक बनने वाले वजहों का अध्ययन कर रहा है। ‘लॉन्च एंड स्केल स्पीडोमीटर इनिशिएटिव’ के मुताबिक, ‘कोविड-19 वैक्सीन अडवांस मार्केट कमिटमेंट्स’ के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है और इससे आगे अमेरिका और ईयू ही हैं। भारत ने अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए देश की सुरक्षा को सबसे ऊपर रखा है।