Home State कृषि बिल के समर्थन में आये किसान, क्या दो फाड़ हुआ आंदोलन?

कृषि बिल के समर्थन में आये किसान, क्या दो फाड़ हुआ आंदोलन?

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मेरठ। जहाँ एक ओर कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलनरत हैं, तो वहीं दूसरी ओर तमाम किसानों ने सरकार के बिल का समर्थन शुरू कर दिया है। कृषि कानूनों के विरोध में जहां देशभर के किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। उधर, रविवार को मेरठ में हिंद मजदूर किसान समिति की तरफ से कृषि कानूनों को लेकर ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। इस मार्च को निकालने वाले किसानों की मंशा मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों का समर्थन करना है। बता दें कि ये ट्रैक्टर मार्च मेरठ में से शुरू होकर गाजियाबाद तक निकाली गई। इस ट्रैक्टर रैली के दौरान देशभक्ति संगीत से प्रदर्शनकारी अपना हौसला बढ़ाते रहे।

किसान बिल के समर्थन में करेंगे सम्मलेन
गौरतलब है कि हिंद मजदूर किसान समिति की ओर से केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले किसानों का रामलीला मैदान इंदिरापुरम में सम्मेलन होगा। इसके लिए मंच तैयार किया गया है। सुरक्षा के लिहाज से जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया है। जानकारी के मुताबिक इस रैली में 400 ट्रैक्टर और ट्राली से किसान मेरठ से गाजियाबाद के लिए चले हैं।

अयोध्या में सीएम योगी किसानों से हुए मुखातिब
उधर, अयोध्या पहुंचे मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि विपक्ष भ्रामक प्रचार कर रहा है कि कृषि कानून लागू होने के बाद न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) समाप्‍त हो जाएगा और मंडिया बंद हो जाएगी, ऐसा बिल्‍कुल नहीं है। सीएम ने कहा कि कृषि कानून लागू होने के बाद किसान अपनी फसल कहीं पर भी अच्‍छी कीमत पर बेच सकता है। केंद्र सरकार किसानों के हितों को संरक्षित करने काम लगातार करती आ रही है। योगी ने कहा कि चीनी एक्‍सपोर्ट करने वाले किसान भाईयों को एक्‍सपोर्ट सब्सि‍डी जारी करने काम किया जा रहा है। जो जल्‍दी उनके खातों में पहुंच जाएगी। उन्‍होंने कहा कि सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के प्रयास में है।

किसान आंदोलन में नया मोड़
अब एक ओर किसान आंदोलन, तो दूसरी ओर किसानों का सरकार को समर्थन, आखिर इतने दिन ठण्ड में आंदोलन करने वाले किसानों का सपना टूट जाएगा। दूसरी बात ये भी है कि अगर सरकार का कृषि बिल किसान विरोधी है, तो सरकार का समर्थन कर रहे किसानों को नुकसान नहीं होगा। देश का सम्पूर्ण किसान कृषि बिल के खिलाफ नहीं दिख रहा। अकेले पंजाब और कुछ हरियाणा का किसान आन्दोलन में शामिल है। इसके अलावा गैर भाजपा राज्य बिल के विरोध में हैं। ये तस्वीर अपने आपमें बहुत कुछ बयां करती है।

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