Home Interview योगा से होता है आपकी बौद्धिक क्षमता का विकास: रंजीत यादव

योगा से होता है आपकी बौद्धिक क्षमता का विकास: रंजीत यादव

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पॉजिटिव एनर्जी और सोच के साथ जीने का अपना अलग अंदाज। जी हाँ, हम बात कर रहे है रॉयल अकेडमी के निदेशक रंजीत यादव की। जोकि आगरा की उन शख्सियतों में शामिल हैं जो अपनी सेहत को लेकर फिटनेश आइकॉन के रूप में पहचान रखते हैं। रंजीत कहते हैं कि रेगूलर एक्सरसाइज और वॉक से हमारी बॉडी में एनर्जी लेवल हाई रहता है और सबसे बड़ी बात है हमारी बौद्धिक क्षमता भी इससे इन्करेज होती है। पेश है टीबीआई 9 की उनसे हुई बातचीत के खास अंश…

दिन की शुरुआत कैसे करते हैं?

देखिये, मेरा मानना है आज हमारा जो भी वजूद है वो ईश्वर रूपी अद्रश्य शक्ति की कृपा से है, इसलिए प्रात: जागकर सबसे पहले में धरती माँ को स्पर्श कर जीवन में एक नई सुबह देने के लिए ईश्वर का धन्यवाद देता हूँ। उसके बाद दैनिक दिनचर्या के काम करता हूँ।

दैनिक दिनचर्या किस प्रकार रहती हैं?

प्रात: सूर्योदय के साथ जागकर सबसे पहले में गुनगुना पानी का सेवन करता हूँ उसके बाद फ्रेश होकर कुछ देर योगा करता हूँ। क्योंकि दिन भर का नियमित शिड्यूल काफी व्यस्त रहता है इसलिए मैंने दिनचर्या के सभी कामों के लिए टाइम टेबल निर्धारित किया है। जिससे सारे काम स्मूथ हो जाते हैं।

नियमित रूप से दिनचर्या में योगा क्यों जरूरी है?

आज के प्रदूषित वातावरण और खान-पान के वजह से हमारी इम्युनिटी पावर लगातार कम हो रही है, छोटी उम्र पर डाइबिटीज, थाइराइड आदि प्रकार की बीमारियाँ हो रही हैं। ऐसे में आपको जरूरी है हेल्दी फ़ूड के साथ आप नियमित योगा को अपनी लाइफस्टाइल में शामिल करें। योगा से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के साथ-साथ आपकी बौद्धिक क्षमता का भी विकास होता है। 

क्या आप कोई डाईट चार्ट फॉलो करते है?

नहीं, व्यस्त लाइफस्टाइल की वजह से कोई डाईट चार्ट फॉलो तो नहीं कर पाता हूँ लेकिन फिर भी कोशिश रहती है कि ऑयली फ़ूड अॅवाइड करूं। साथ ही मैं  फ़ास्ट फ़ूड और जंक फ़ूड से हमेशा परहेज करता हूँ।

आप लोगों को फिट रहने के लिए क्या सलाह देंगे?

सबसे पहली बात तो मैं यही कहूँगा कि आपकी लाइफस्टाइल कितनी भी व्यस्तता भले ही हो आप सुबह- शाम दोनों समय में किसी भी वक्त 45 मिनट योगा के लिए जरुर निकालें साथ ही खान-पान पर ध्यान दें। ऑयली चीजों को अॅवायड करें। खाने में सीजनल फ्रूट्स जरुर शामिल करें। 

आपका फिटनेस मंत्रा क्या है?

मैं प्राकृतिक चीजों पर हमेशा भरोसा करता हूँ। सुबह टहलकर शुद्ध ऑक्सीजन लेना और योगा करना मेरा फिटनेस मंत्रा है।

रेगूलर एक्सरसाइज और वॉक से आप इसके क्या फायदे महसूस करते हैं?

निश्चिय ही रेगूलर एक्सरसाइज और वॉक से हमारी बॉडी में एनर्जी लेबल हाई रहता है। सबसे बड़ी बात है हमारी बौद्धिक क्षमता भी इससे इन्करेज होती है। हमें दिन में थकान महसूस नहीं होती है। मैं रेगूलर लगभग 12 घंटे क्लास लेता हूँ इस निरंतर व्यस्तता में खुद को एक्टिव रखने के लिए योगा से ही मुझे एनर्जी मिलती है।

आप हेल्थ सप्लीमेंट्स में कितना विश्वास रखते हैं?

मैं समझता हूँ आज बाजारवाद का दौर है सभी कम्पनियां अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए भ्रामक प्रचार करती है मैं हेल्थ सप्लीमेंट्स के स्तेमाल को पूरी तरह गलत मानता हूँ। हमारे पास विकल्प के रूप में घी, दूध, दही, जूस, ड्राई फ्रूट्स आदि प्राकृतिक नेचुरल चीजों का भंडार है इनको प्रयोग में लें।

आपकी फिटनेस फिलॉशिपी क्या है?

खाने में अधिक से अधिक हरी सब्जियां और संतुलित भोजन मेरी फिटनेस फिलॉशिपी है।

आपकी फेवरेट डिस क्या है?

सुबह भिगोकर सोयाबीन और चने खाता हूँ जो कि मुझे स्वाद के साथ साथ सेहत के लिए भी अच्छे लगते हैं खाने में दालों को प्राथमिकता देता हूँ।

आपकी फेवरेट एक्सरसाइज क्या है?

बचपन से हमें सिखाया गया दंड मारना, जिसे अंग्रेजी में पुसअप कहते हैं। यही मेरी फेवरेट एक्सरसाइज है।

फिटनेस के मामले में कोई सीख जो आपको आपके पेरेंट्स से मिली?

हाँ, पिताजी से मुझे फिटनेस के मामले में काफी सीख मिली। वे फ़ोर्स में है उनकी कार्यशैली हमेशा प्रभावित करती है आज वे 56 साल की उम्र में भी फिट दिखते हैं आज तक कभी उनको हमने बीमार नहीं देखा।

आपका फिटनेस आइकॉन कौन है?

महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर मेरे फिटनेस आइकॉन हैं। 

आज आपके पॉलिटीकल हेल्थ आइकॉन कौन है?

पीएम नरेन्द्र मोदी जी, यूपी के सीएम योगी जी और पूर्व सीएम अखिलेश यादव जी को मैं पॉलिटीकल हेल्थ आइकॉन मानता हूँ।

कोई पुरानी कहावत जो फिटनेस के मामले में आपको ख़ास प्रभावित करती है?

हाँ, पुरानी कहावत है कहा जाता है कि पहला सुख निरोगी काया जो कि मुझे भौतिक जीवन में सटीक नजर आती है।

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