नई दिल्ली। दक्षिण भारत में भाजपा ने लोकसभा चुनाव में हाफ सेंचुरी लगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने खेला बड़ा दाव खेला है पार्टी महासचिव मुरलीधर राव ने कहा कि कर्नाटक में पार्टी को मजबूती देने के साथ हम पूर्वोत्तर की तर्ज पर छोटे छोटे दलों को जोड़कर दक्षिण के राज्यों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को आकार देने में जुटे हैं।
इस मौके पर मुरलीधर राव ने कहा, ‘‘ दक्षिण भारत में पार्टी को मजबूत बनाना एक चुनौती रहा है। हमारा प्रदर्शन पिछले दशकों में कर्नाटक में अच्छा रहा है। पहले हम वहां सत्ता में रह चुके हैं और विधानसभा चुनाव में कर्नाटक में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। दक्षिण के दूसरे राज्यों में पार्टी का तेजी से विस्तार हो रहा है। हम गांव तक पहुंचने में सफल रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि पार्टी की विचारधारा और राजनीतिक संवाद को दक्षिण भारत के परिवेश एवं परिदृश्य के अनुरूप लोगों के स्वीकार्य रूप में पेश किया जाए। उन्होंने कहा कि इसमें पार्टी सफल भी हो रही है।
कर्नाटक में भाजपा ने 22 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है, हालांकि राज्य में कांग्रेस और जदएस गठबंधन की ओर से उसकी योजना को चुनौती भी मिल रही है । इस गठबंधन के कारण ही भाजपा को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बहुमत से कुछ सीट कम मिली और सत्ता उसके हाथ से फिसल गई थी। पार्टी को हालांकि विश्वास है कि लोकसभा चुनाव में उसे बड़ी जीत मिलेगी ।
राव ने कहा, ‘‘ कर्नाटक में कांग्रेस..जदएस गठबंधन सरकार नहीं चल पा रही है, रोज रोज दोनों दलों के झगड़े सामने आ रहे हैं। राज्य की जनता सब कुछ देख सुन रही है कि किस प्रकार से मुख्यमंत्री कुमारस्वामी बार बार पद छोड़ने की बात कह रहे हैं।’’भाजपा महासचिव ने कहा, ‘‘ कर्नाटक में यही (कांग्रेस-जदएस कलह) हमारा बड़ा मुद्दा है। हम जनता के समक्ष इन सभी विषयों को बतायेंगे। राज्य में लोकसभा चुनाव में हमें बड़ी जीत मिलेगी।’’
तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीटें हैं। भाजपा यहां छोटे छोटे दलों के साथ गठबंधन बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। पार्टी राज्य में अन्नाद्रमुक को साथ लेने की कोशिश कर रही है। 2014 में भाजपा तमिलनाडु में गठबंधन के साथ चुनावों में गई जिसमें एमडीएमके, पीएमके और अन्य छोटे दल शामिल थे। गठबंधन ने राज्य से दो सीटें जीतीं थी। राज्य में गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर राव ने कहा कि तमिलनाडु में भाजपा के दरवाजे समान विचार वाले दलों के साथ गठबंधन के लिये खुले हैं ।
वहीं केरल में भाजपा अपना प्रदर्शन बेहतर बनाने के लिये पूरा जोर लगा रही है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि केरल में सबरीमला के मद्देनजर भाजपा के पक्ष में हिंदुओं का बड़ा झुकाव प्रतीत हो रहा है। भाजपा खास तौर पर तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, पलक्कड़, अटिंगल जैसे क्षेत्रों में जोर लगा रही है। आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 25 सीटें हैं, भाजपा यहां 10 सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। पार्टी 1999 के अपने प्रदर्शन को दोहराना चाहती है जब उसने अविभाजित आंध्रप्रदेश से सात सीटें जीती थीं।
Every section of society has been empowered, every aspect of the nation has been strengthened by the Modi government over the past five years. Out of all the amazing work, what are the five things this government will be most remembered for? Let us know. #BharatKeMannKiBaat pic.twitter.com/4qqAxuL53g
— BJP (@BJP4India) February 3, 2019
राव ने जोर दिया कि लोगों का भाजपा खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर काफी भरोसा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि लोग समझते हैं कि अलग अलग विचारधारा वाले विपक्षी दल क्यों साथ आ रहे हैं। विपक्षी गठबंधन का एकमात्र एजेंडा मोदी हटाओ है और आगामी चुनाव में लोग इसे नकार देंगे।