ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने गर्व से कहा ‘जय सियाराम, ‘गर्व से कहा मैं हिंदू हूँ, मेरी आस्था हिंदुत्व में है। यह उस देश के प्रधानमंत्री ने कहा जिस देश में कहा जाता था ‘’डॉग्स एंड पुअर इंडियंस आर स्टिल नॉट अलाउड’‘ भारत पर 200 साल तक राज करने वाले ब्रिटिशी प्रधानमंत्री का हिंदुत्व पर गर्व करना एक बड़ा सन्देश हैं।

धर्म निरपेक्षता का यह अर्थ कभी नहीं होता कि हम अपने धर्म से परहेज करें, अपने धर्म पर गर्व करना या उसकी बात करना छोड़ दें, स्वयं को हिंदू कहने पर हम सांप्रदायिक कहलायेंगे.. भारत में अब तक किसी भी प्रधानमंत्री ने स्वयं को हिंदू कहने की हिम्मत नहीं की है। हमें खुलकर अपने धर्म का पालन करना चाहिए, धर्म कभी परिवर्तनीय नहीं हैं। जिस धर्म में जन्म लिया है, जिसने मार्ग दिखाया है उसका पालन करना ही फर्ज है। धर्म का विश्लेषण करना और उसके सही अर्थों को समझाना ही जीवन है।
हर देश का अपना धर्म है किसी का इस्लाम तो किसी का ईसाई ..और गर्व से देश अपने धर्म का पालन करते हैं और बाकी धर्मो का सम्मान और अपने धर्म की स्वतंत्रता .. भारत हिंदू राष्ट्र हम गौरव से कहें हम हिंदू है बाकी सभी धर्म के लोग स्नेह से अपने धर्म का पालन करें . जो दूसरे धर्म है उन्हें भी बहुसंख्यक धर्म का आदर करना होगा। हिंदू धर्म ही वासुदेव कुटुम्बकुम की बात करता है कोई काफिर नहीं कहलाता न ही किसी का गला काटने या रेतने की बात होती है।
कभी किसी हिंदू बाहुल्य क्षेत्र में कभी अन्य धर्मों पर हमला नहीं हुआ। ऐसे धर्म पर भी गर्व न करें तब किस पर करेंगे ? मोदी जी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो अपने धर्म पर गर्व करते हैं विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को वाराणसी ले जाते हैं, महाबलेश्वरम भी ले जाते हैं। साथ ही भेंट में गीता देते हैं। संसद में सेंगोल स्थापित करते हैं सनातन इतिहास लगाते हैं। प्रश्न करते हैं संसद में हमे ईसाई और इस्लाम भी लगाने चाहिए, अमेरिका भी सेक्युलर देश है अधिकांश यूरोपीय देश भी .. क्या उन देशों की संसद में हिंदू धर्म या इस्लाम का इतिहास लगाया जाता है या किसी इस्लामिक देश में हिंदू या सनातन का इतिहास दर्शाया जाता है तो भारत में क्यों? अभी अमेरिका के राष्ट्रपति की रेस में शामिल विवेक रामास्वामी भी स्वयं के हिन्दू होने पर गर्व करते हैं उनकी पत्नी ने गाय के थनों से स्वयं दूध निकालना सीखी हैं। आज सनातन धर्म अपनी खोयी रोशनी को पुनः प्राप्त कर रहा है।