किराए की संपत्ति पर कब्जा व किराए के 1.65 करोड़ रुपये अदा न करने का मामला
आगरा। शहर की आर्चवे हास्पिटेलिटी फर्म की तीन भागीदार महिलाओं के खिलाफ किराए की संपत्ति पर कब्जा और किराए के 1.65 करोड़ अदा न किए जाने पर मुकदमा दर्ज हुआ है। ताजगंज थाने में यह मुकदमा एसजीएसजी इन्फ्रारेडल्स प्राइवेटि लिमिटेड, ट्रांसपोर्ट नगर के डाइरेक्टर अजय अग्रवाल ने लिखाया है।
आर्चवे हास्पिटेलिटी की भागीदार महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज
अजय अग्रवाल द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने पार्टनरशिप फर्म आर्चवे हास्पिटेलिटी के साथ 25 जुलाई 2018 को दो अलग-अलग रजिस्टर्ड लीज डीड पर हस्ताक्षर किए थे। आर्चवे हास्पिटेलिटी का कार्यालय फ्लैट नंबर 203, एडीए हाईट्स टावर एटी-1, ताजनगरी सेकेंड फेज, ताजगंज, आगरा में है। आर्चवे हास्पिटेलिटी में श्रीमती मीनाक्षी कलशी पत्नी अजीत नाथ कलशी, निवासी सिविल लाइंस बाग फरजाना, श्रीमती शिल्पा सहगल पत्नी राहुल सहगल निवासी लाजपत कुंज, सिविल लाइंस, आगरा और श्रीमती सिमरत अरनेजा पत्नी दीपमोहन सिंह अरनेजा निवासी शिवाजी नगर, गुड़गांव, हरियाणा भागीदार हैं।
रिपोर्ट के अनुसार यह पट्टा खसरा संख्या 1069 और 1070 क्राउन प्लाजा, फतेहाबाद रोड, आगरा स्थित वाणिज्यिक संपत्ति की दूसरी मंजिल और छत से संबंधित है। यह तीन वर्ष की लॉक-इन अवधि के साथ कुल नौ वर्षों के लिए है। पट्टा समझौते का उल्लंघन कर मार्च 2020 से आर्चवे हास्पिटेलिटी उन्हें किराए का भुगतान नहीं कर रही। लीज डीड की शर्तों के अनुसार लगातार दो महीने तक किराया न चुकाने पर किराएदारी स्वतः ही समाप्त हो जाती है।
अजय अग्रवाल का कहना है कि इसके बावजूद किराएदार बिना किराया चुकाए संपत्ति में रह रहे हैं, जो लीज समझौते का उल्लंघन है। जब उन्हें बकाया किराए की याद दिलाई गई तो समाजवादी पार्टी के प्रभावशाली लोगों के जरिए उन्हें धमकवाया गया। अजय अग्रवाल कहते हैं कि उनकी संपत्ति को हड़पने का इरादा है क्योंकि अपने गैर अनुपालन को छिपाने के लिए उन्हें कानूनी नोटिस देने के साथ ही टालमटोल की रणनीति अपनाई जा रही है।
अजय अग्रवाल ने रिपोर्ट में बकाया किराए के 1.65 करोड़ रुपये के भुगतान के साथ ही अपनी सपंत्ति से कब्जा हटवाने और अपनी सुरक्षा की भी मांग की है।