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ताजमहल के साथ ज़रदोज़ी की कारीगरी के लिए विश्व में हो आगरा की पहचान : प्रो. बघेल

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  • आगरा विरासत फाउंडेशन द्वारा ज़रदोज़ी हमारी धरोहर हमारी विरासत का हुआ भव्य आयोजन
  • रेम्प पर मॉडल्स ने ज़रदोज़ी के डिजायनर परिधानों को प्रदर्शित कर जीता दर्शकों का दिल
प्रदर्शनी का अवलोकन करतीं महापौर हेमलता दिवाकर एवं एडीजी जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ

आगरा। सोने के धागे से बुना गया तानाबाना जब आकार लेता है तो वो संसार का सर्वश्रेष्ठ नूमना ज़रदोज़ी कहलाता है। ऋग्वेद में जिस कला का उल्लेख है, देवता जिस कला से सजे वस्त्र धारण करते थे आगरा की ऐसी प्राचीन कला को आगरा के साथ-साथ विश्व पटल पर नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से आगरा विरासत फाउंडेशन द्वारा ज़रदोज़ी हमारी धरोहर, हमारी विरासत का आयोजन बुधवार को सूरसदन प्रेक्षागृह में किया गया।

रैम्प पर प्रदर्शन करते डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा एवं डॉ. जयदीप मल्होत्रा

दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता चौहान, महापौर हेमलता दिवाकर, एडीजी जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ, एसीपी संजीव त्यागी, अभिनव मौर्या, मधु बघेल और फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. रंजना बंसल ने संयुक्त रूप से किया। इसके बाद अपने सम्बोधन में केंद्रीय मंत्री प्रो बघेल ने आगरा की जरदोज़ी कारीगरी को विश्व में पहचान दिलाने की प्रतिबद्धता जताई।

रैम्प पर प्रदर्शन करती मॉडल
रैम्प पर प्रदर्शन करती मॉडल
रैम्प पर प्रदर्शन करती मॉडल
रैम्प पर प्रदर्शन करती मॉडल

रैम्प पर दिखा ज़रदोज़ी का जलवा
डिजायनर राखी कौशिक, अग्रज जैन, अलर्क लाल, कीर्ति खंडेलवाल, सुकीर्ति मित्तल, हिमानी सरन, रेणुका डंग, पूनम सचदेवा के निर्देशन में रैम्प पर ज़रदोज़ी की रचनात्मकता की छाप लिए परिधानों की श्रृंखला प्रस्तुत की गई। जिसमें रनवे सीक्वेंस में डिजायनर्स के एक से एक बेहतरीन कलेक्शन को मॉडल्स ने खूबसूरती के साथ पेश किया। चंद्रमोहन सचदेवा, डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा, डॉ. जयदीप मल्होत्रा आदि ने भी रेम्प पर अपनी प्रस्तुति से खूब तालियां बटोरीं। ग्लेम प्रोफेशनल्स द्वारा शिवानी मिश्रा के निर्देशन हुए मॉडल्स के मेकअप और कपिल पंजाबी की कोरियोग्राफी को दर्शकों ने सराहा।

रैम्प पर प्रदर्शन करती मॉडल
रैम्प पर प्रदर्शन करती मॉडल
रैम्प पर प्रदर्शन करते मॉडल

प्रदर्शनी में दिखा ज़रदोज़ी का ऐश्वर्य
समारोह स्थल गणेशी लाल एंपोरियम, कोहिनूर ज्वेलर्स, शम्स क्रिएशन, मॉडलीजेंट ने ज़रदोज़ी कारीगरी से बने परिधान बैग, कालीन एवं सजावटी वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई। 5 वर्षों की कड़ी मेहनत से शम्स क्रिएशन द्वारा रेशम और सोने के धागों से बना हाथी समूह लोगों के बीच ख़ास आकर्षण का केंद्र रहा। वहीं ज़रदोज़ी की कढ़ाई का एक विशाल मास्टरपीस था जोकि 10 वर्षों की अथक साधना का परिणाम था। प्रदर्शनी स्थल पर शहर के कारीगर अपनी कारीगरी का सजीव प्रदर्शन किया।

राशि गर्ग की शिव तांडव की शानदार प्रस्तुति ने सबका मन मोहा। ताज हेरिटेज के फैजान उद्दीन ने ज़रदोज़ी की कहानी ज़रदोज़ की जुवानी बेहद खूबसूरती से वयां की। कार्यक्रम का संचालन श्रुति सिन्हा ने किया धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम की समन्वयक मीनाक्षी किशाेर और आयुषी चौबे किया।

रईस उद्दीन को लाइफटाइम अचीवमेंट से सम्मानित करते केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल एवं अन्य

ज़रदोज़ी के इन साधकों को उत्कृष्ठता के लिए मिला अवार्ड

ज़रदोज़ी के क्षेत्र में उत्कृष्ठता के लिए अवार्ड से सम्मानित विभूतियों के साथ केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, एडीजी जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ, फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. रंजना बंसल, एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर एवं अन्य
  • रईस उद्दीन- लाइफटाइम अचीवमेंट
  • घनश्याम गोपाल माथुर- ज्वेल्स ऑफ़ ज़रदोज़ी
  • अलर्क एम लाल – ग्लोबल इनोवेटर
  • अग्रज जैन – ट्रेंडसेटर ऑफ़ द ईयर
  • फैजान उद्दीन – ट्रेलब्लेज़र एन्ड इनोवेटर ऑफ़ ज़रदोज़ी
ज़रदोज़ी कारीगरी में कई दशकों से सेवारत शिल्पियों को अवार्ड प्रदान करते अतिथि

ज़रदोज़ी के इन कारीगरों को भी मिला अवार्ड
ज़रदोज़ी कारीगरी में कई दशकों से सेवारत कुल 9 शिल्पियों को एक्सीलेंस इन ज़रदोज़ी अवार्ड से सम्मानित किया गया जिनमें नाज़िम अली, शहजान खान, जमील उद्दीन, अनवर खान, सग़ीर अहमद, मोहम्मद बिलाल, इमदाद अली, मोहम्मद अदनान और शाकिर अब्बास शामिल रहे।

कार्यक्रम में मौजूद राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता चौहान एवं महापौर हेमलता दिवाकर
एडीजी जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ को स्मृति चिन्ह भेंट करतीं डॉ. रंजना बंसल एवं अन्य

इनकी रही प्रमुख भूमिका
कार्यक्रम में व्यवस्थाएं तुलिका कपूर, दिव्या गुप्ता, हिमानी शरण, राशि गर्ग, साक्षी सहगल आदि ने सभालीं। इस दौरान एफमेक अध्यक्ष पूरन डावर, डीजीसी रेवेन्यू अशोक चौबे, डॉ. सुशील गुप्ता, डॉ. डीबी शर्मा आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।

प्रो. एसपी सिंह बघेल

जरदोजी कला का यदि नाम आता है तो इस कला को अपनी विरासत बनाने वाला एक ही वर्ग स्मृति पटल पर उभरता है, जबकि बहुत कम लोग जानते हैं कि जरदोजी कला देव कला है। ऋग्वेद की ऋचाओं में इस कला का उल्लेख है। देव कला को सूरसदन के मंच से विश्व मंच तक फैलाने का कार्य आगरा विरासत फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है जोकि सराहनीय है।
– प्रो. एसपी सिंह बघेल, राज्य मंत्री, भारत सरकार

डॉ. रंजना बंसल

आगरा सनातन काल की ज़रदोज़ी कला को जीआई टैग दिलाने के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे। आज भी ज़रदोज़ी के लगभग 15000 शिल्पकार आगरा में काम कर रहे हैं, जिनकी कारीगरी की दुनियां दीवानी है इस पहचान को और हम कहां तक ले जा सकते हैं इस दिशा में हमारी मुहिम निरंतर जारी रहेगी।
– डॉ. रंजना बंसल, अध्यक्ष, आगरा विरासत फाउंडेशन

फैजान उद्दीन

पहली बार इस आयोजन के माध्यम से ज़रदोज़ी को एक मंच प्रदान किया गया है हमारे लिए यह बड़े ख़ुशी की बात है। आगरा में ज़रदोज़ी का इतिहास बहुत पुराना है। यहाँ के करीगरों ने अपने हुनर से इसे पूरे विश्व में लोकप्रिय बनाया है। आज भारत, अमेरिकन और बिट्रिश सहित कई देशों की बड़ी कंपनियां यहाँ बने प्रोडक्ट्स को ख़ास पसंद कर रही हैं।
– फैजान उद्दीन, निदेशक, ताज हेरिटेज