Home Lifestyle अगर आप संतान सुख चाहते हैं तो करें यह व्रत, ...

अगर आप संतान सुख चाहते हैं तो करें यह व्रत, जानें तिथि और समय

1266
0

भगवान श्री कृष्ण की कथा में बेहद खूबसूरत हिस्से के तौर पर उनके और यशोदा मां के रिश्ते को दशार्या गया है। इस प्रेम और बंधन के जरिए मां का उसके बच्चे के लिए निश्छल प्रेम का उदाहरण लोगों को मिला। श्री कृष्ण की नटखट शरारतों से लेकर यशोदा मां से दूर होने तक ऐसी कई घटनाएं हैं जिन्हें पढ़कर लोगों का दिल भावुक हो जाता है।

नटखट कृष्ण को प्रेम ना करें ऐसा संभव नहीं है और वहीं यशोदा मां के ममताभरी भावनाओं को दरकिनार करना भी बहुत कठिन है। इन दोनों के बीच अटूट रिश्ते को देखते हुए इस सच्चाई पर ध्यान ही नहीं जा पाता है कि यशोदा भगवान कृष्ण की असली माता नहीं थी। जब देवकी ने कारागार में कृष्ण को जन्म दिया था तब वासुदेव ने उसे कंस से बचाने के लिए रातोंरात यशोदा और नंद के घर पहुंचाया था।

कब हुआ था कृष्ण की मां यशोदा का जन्म? यशोदा के घर में भगवान कृष्ण के जन्म होने पर पूरे गोकुल गांव में उत्सव मनाया गया था। मौजूदा समय में भी उनका जन्म उत्सव जन्माष्टमी के तौर पर हर साल मनाया जाता है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि कृष्ण की माता यशोदा का जन्म कब हुआ था? यशोदा माता का जन्मदिवस यशोदा जयंती के तौर पर जाना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन माह की षष्ठी तिथि को यशोदा का जन्म हुआ था।

यशोदा जयंती 2019 यशोदा मां का जन्मदिवस जो यशोदा जयंती के नाम से जाना जाता है, इस साल 24 फरवरी 2019 को मनाया जाएगा। 24 फरवरी को यशोदा जयंती के दिन षष्ठी तिथि सुबह 6.13 मिनट पर शुरू होगी और 25 फरवरी की सुबह 5.04 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन सूर्योदय 6.56 मिनट पर होगा और सूर्यास्त का समय 6.13 मिनट है। रात 10.03 मिनट तक स्वाति नक्षत्र रहेगा।

यशोदा जयंती से जुड़े संस्कार यशोदा जयंती के दिन भक्त को सुबह जल्दी उठकर ब्रम्ह मुहूर्त में ही स्नान कर लेना चाहिए। इस दिन माता यशोदा और साथ ही भगवन कृष्ण की पूजा करनी चाहिए। माता को लाल चुनरी, पंजीरी और मीठी रोटी चढ़ाएं। ये माता यशोदा और बाल गोपाल के लिए होती हैं। इस दिन मां यशोदा के साथ भगवान कृष्ण के शिशु रूप की आराधना की जाती है। इस दिन गोकुल में भी उत्सव मनाया जाता है। मंदिरों में भी उनकी पूजा की जाती है।

यशोदा जयंती मनाने से मिलते हैं ये लाभ ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो यशोदा मां की आराधना करता है उसे जल्द ही संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में उठने वाले मनमुटाव भी कम होते हैं और आपसी मेलजोल बढ़ता है। इस दिन व्यक्ति को तांबे के मटके में आटा भरकर दान करना चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति बेहतर बनती है। लाल धागा (मोली) घर के द्वार पर बांधे। ऐसा करने से घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है। किसी तरह की दिक्कत हो तो उसे भी कम करने में मदद मिलती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here