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अक्षय तृतीय तक सोने के भाव में रह सकती है अस्थिरता

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बिजनेस डेस्क। सोने के भाव में अक्षय तृतीया से पहले उतार-चढ़ाव रह सकता है। लोग समृद्धि के प्रतीक के रूप में अक्षय तृतीया पर सोना खरीदते हैं। बैंकरों और एनालिस्टों का कहना है कि 7 मई को अक्षय तृतीया तक गोल्ड प्राइस में 500 रुपये प्रति 10 ग्राम की कमी या बढ़ोतरी दिख सकती है। उन्होंने कहा कि बढ़ोतरी या गिरावट अमेरिकी अर्थव्यवस्था और रुपये की हालत पर निर्भर करेगी।
इस वोलैटिलिटी के बावजूद उन्हें उम्मीद है कि रूरल डिमांड पिछले साल से कुछ ज्यादा रह सकती है। उनकी दलील है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को मिले 2000 रुपये और आने वाले दिनों में मिल सकने वाले और 2000 रुपये से ग्रामीण इलाकों में लोगों के पास इतना पैसा हो जाएगा कि वे सोना खरीदने के बारे में सोचने लगेंगे। गांवों में किसी भी दूसरी एसेट के मुकाबले गोल्ड का आकर्षण ज्यादा रहता है। स्पॉट मार्केट में गोल्ड 32000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास था।

कोटक महिंद्रा बैंक के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और बिजनस हेड (ग्लोबल ट्रांजैक्शन बैंकिंग ऐंड प्रेशस मेटल्स) शेखर भंडारी ने ईटी से कहा, ‘गोल्ड का दाम अमेरिका में ब्याज दरों में मूवमेंट और अमेरिकी इकॉनमी की हालत के आधार पर चढ़ सकता है। अमेरिकी इकॉनमी में अभी थोड़ी अनिश्चितता है और इसका असर गोल्ड प्राइस पर पड़ेगा। गोल्ड प्राइस शॉर्ट टर्म में 1300-1320 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस रह सकता है। साथ ही, भारत में गोल्ड का दाम डॉलर के मुकाबले रुपये के मूवमेंट पर निर्भर करेगा। लिहाजा इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए गोल्ड मौजूदा लेवल से या तो 500 रुपये प्रति 10 ग्राम चढ़ सकता है या गिर सकता है।’

बुधवार को डॉलर के मजबूत होने से सोने का दाम कुछ घटा, लेकिन यह दो सप्ताहों के पीक के आसपास ही रहा। यह पीक लेवल पिछले सेशन में बना था क्योंकि ग्लोबल ग्रोथ को लेकर फिक्र बढ़ने के साथ अमेरिका और यूरोप के बीच व्यापार को लेकर तनाव भी बढ़ा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड का स्पॉट प्राइस 0.1 प्रतिशत गिरकर 1302.36 डॉलर प्रति औंस रहा।

एचडीएफसी सिक्यॉरिटीज के सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटीज) तपन पटेल ने कहा कि भारत में सोने का दाम निकट भविष्य में ऊंचा रह सकता है क्योंकि अक्षय तृतीया के चलते आगे अच्छी खरीदारी हो सकती है।
पटेल ने कहा, ‘केंद्र और राज्य सरकारों के हालिया लोकलुभावन कदमों के कारण ग्रामीण इलाकों में सोने की ज्यादा डिमांड दिख सकती है। इन कदमों से किसानों की आमदनी बढ़ी है। सोने के दाम को रुपये में कमजोरी से भी सपोर्ट मिल सकता है। स्पॉट मार्केट में रुपया 70 की ओर बढ़ता दिख रहा है। ब्रेग्जिट और ट्रेड वॉर के कारण ग्लोबल ग्रोथ से जुड़ी चिंता भी बुलिश फैक्टर बन सकती है, जिसके कारण इंटरनेशनल मार्केट में सोना चढ़ सकता है। इससे भी भारत में सोने के भाव का नीचे जाना संभव नहीं होगा। हमारा अनुमान है कि मीडियम टर्म में सोने का दाम ऊंचा रहेगा और 32800 रुपये पर रेजिस्टेंस है। इसके ऊपर प्राइस 34450 रुपये की ओर जा सकता है। इसे 31500 रुपये पर दमदार सपोर्ट दिख रहा है।’

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