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सफेद वेल को गले में कैमरा लटकाए देखा है कभी

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ओस्लो। एक सफेद वेल को गले में कैमरा लटकाए देखा तो उस वक्त नॉर्वे के मछुआरे हैरान रह गए । बेलुगा वेल के गले में एक हार्नेस (पट्टे जैसा कुछ) लिपटा हुआ था और वह जहाज की तरफ बढ़ रही थी। विशेषज्ञ इसे कोई सामान्य घटना नहीं मान रहे हैं बल्कि इसे जासूसी के एक संभावित तरीके के तौर पर देख रहे हैं।

बेलुगा वेल के बारे में जानिए

वेलुगा वेल जिन्हें आम बोलचाल की भाषा में सफेद वेल कहा जाता है अपनी प्रजाति का सबसे छोटा वेल है। इनका आकार सिर्फ 20 फीट तक का होता है। आर्कटिन सागर के पानी में ही आम तौर पर इसे पाया जाता है।

एक्सपर्ट का क्या कहना

वेल के गले में मौजूद हार्नेस पर इक्युपेमंट ऑफ सेंट पीट्सबर्ग लिखा है। वेल को इस कारण से कुछ एक्सपर्ट रूस के जासूस के तौर पर भी देख रहे हैं। आर्कटिक यूनिवर्सिटी में मरीन बायॉलजी के प्रफेसर आडन रिकार्डसन ने बताया, ‘हम सब जानते हैं कि रूस के पास कई घरेलू वेल संरक्षित हैं और ऐसा संभव है कि उन्हीं में से कुछ को रिलीज किया गया हो।’ रिपोर्ट्स का यह भी कहना है कि बहुत संभव है कि वेल के गले में मौजूद हार्नेस रूस के शोधार्थियों का नहीं होगा। संभव है कि यह रूस की नौसेना के काम का नतीजा हो।

पहले भी रूस कई ऑपरेशन अंजाम दे चुका हे

पूर्व में भी रूस ने समुद्री जीवों के जरिए कई ऑपरेशन अंजाम देने का काम किया है। शीत युद्ध के दौर में रूस ने डॉल्फिन का इस्तेमाल सबमरीन, फ्लैग माइन्स के लिए करने के साथ जहाजों की रखवानी के लिए भी किया। सेंट पीट्सबर्ग के किसी शोधार्थी के कमरे में इस विचार का जन्म नहीं हुआ, इतना तो तय है। 1960 के दौर में अमेरिकी नौसेना ने भी बेलागस, डॉल्फिन और अन्य समुद्री जीवों को ट्रेंड करने के लिए कार्यक्रम शुरू किए थे।

पुतिन से के पास भी हे बेलागस

रूस के वर्तमान राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भी इस मामले में पीछे नहीं हैं। समुद्री जीवों को ट्रेनिंग देने के कार्यक्रमों की उन्होंने नए सिरे से शुरुआत की है। क्राइमिया की आक्रामकता को देखते हुए उन्होंने डॉल्फिन प्रोग्राम फिर से शुरू किया था। नॉर्वे की खोज में दावा किया गया है कि खुद पुतिन से के पास भी बेलागस हैं।

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