मुंबई। एग्जिट पोल के बाद कैपिटल गुड्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, कंस्ट्रक्शन, पावर और एनबीएफसी में तेजी आई है। एग्जिट पोल में बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने की बात कही गई है। मार्केट एनालिस्टों को लग रहा है कि अगर बीजेपी की सत्ता में वापसी होती है तो इन सेक्टर्स को फायदा हो सकता है। ब्रोकरेज फर्म शेयरखान में स्ट्रैटेजी और इनवेस्टमेंट्स हेड, गौरव दुआ ने बताया, ‘बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देने की बात कही है। इसलिए कंस्ट्रक्शन, इंफ्रास्ट्रक्चर और बिल्डिंग मैटीरियल कंपनियों में एग्जिट पोल के बाद खरीदारी बढ़ी है।’ उन्होंने बताया कि प्राइवेट सेक्टर के कॉरपोरेट बैंकों और स्पेशियलिटी केमिकल कंपनियों में भी निवेशक दिलचस्पी ले रहे हैं।
एग्जिट पोल के बाद किस सेक्टर मैं आयी तेजी, जानिए
रविवार के एग्जिट पोल के बाद सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर कैपिटल गुड्स, फाइनैंस, रियल्टी, पावर और इंडस्ट्रियल सेक्टर में 5 पर्सेंट की तेजी आई थी, जबकि बैंकिंग सेक्टर, यूटिलिटी और एनर्जी सेक्टर के इंडेक्स 4-5 पर्सेंट के बीच चढ़े थे। एलारा कैपिटल के रिसर्च हेड धीरेंद्र तिवारी ने बताया, ‘हम कैपिटल एक्सपेंडिचर से जुड़े क्षेत्रों- कैपिटल गुड्स, कॉरपोरेट बैंक और चुनिंदा एनबीएफसी पर बुलिश हैं।’
ट्रेड वॉर और डॉलर की तुलना में रुपये में मजबूती
उन्होंने कहा, ‘हम 23 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पोर्टफोलियो कंस्ट्रक्शन स्ट्रैटेजी बनाने पर गौर करेंगे, लेकिन हम फार्मा जैसे एक्सपोर्ट ओरिएंटेड सेक्टर को लेकर सावधानी बरत रहे हैं। हमें लगता है कि फार्मा कंपनियों के अर्निंग एस्टिमेट में कटौती हो सकती है। हम आईटी सेक्टर पर न्यूट्रल हैं। इस सेक्टर में इधर डील की संख्या बढ़ी है, लेकिन ट्रेड वॉर और डॉलर की तुलना में रुपये में मजबूती से उसकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।’
एग्जिट पोल की तरह नतीजे आये तो रुपये में मजबूती आएगी
मार्केट एनालिस्टों का कहना है कि एनबीएफसी और इंडस्ट्रियल सेक्टर में टेक्नॉलजी और फार्मा सेक्टर की तुलना में कम वैल्यूएशन पर ट्रेडिंग हो रही है। ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल के रिसर्च हेड सुहास हरिनारायणन ने कहा, ‘हम प्राइवेट सेक्टर के बैंकों, एनबीएफसी, इंडस्ट्रियल साइक्लिकल स्टॉक्स में निवेश करने और आईटी पर न्यूट्रल रवैये की सलाह देंगे। अगर लोकसभा चुनाव के नतीजे एग्जिट पोल की तरह रहते हैं तो शॉर्ट टर्म में रुपये में मजबूती आ सकती है, जिससे आईटी सेक्टर अंडर-परफॉर्म करेगा।’
मार्केट में और तेजी आ सकती है- नवीन कुलकर्णी
मार्केट एनालिस्ट निवेशकों से बाजार की तेजी का फायदा उठाकर मुश्किल में फंसीं कंपनियों से निकलने को कह रहे हैं। आईसीआईसीआई डायरेक्ट के रिसर्च हेड पंकज पांडेय ने कहा, ‘हम बैंक, इंफ्रास्ट्रक्चर, कैपिटल गुड्स सेक्टर पर शॉर्ट टर्म में पॉजिटिव हैं।’ रिलायंस सिक्यॉरिटीज के रिसर्च हेड नवीन कुलकर्णी ने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर और बैंकिंग जैसे चुनिंदा सेक्टर्स में तेजी आ सकती है। उन्होंने कहा, ‘मार्केट में और तेजी आ सकती है, लेकिन यह बहुत ज्यादा नहीं होगी। कंपनियों की प्रॉफिट ग्रोथ सुस्त बनी हुई है। इकनॉमी की रफ्तार सुस्त पड़ रही है और ग्लोबल लेवल पर भी मुश्किलें बढ़ रही हैं।’
एनडीए की वापसी से उछलेंगे मिडकैप शेयर
एग्जिट पोल में बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की वापसी होने से मिडकैप शेयरों की किस्मत बदल सकती है। एग्जिट पोल के बाद सोमवार को बेंचमार्क निफ्टी इंडेक्स जहां 3।7 पर्सेंट चढ़ा था, वहीं निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में भी 4।1 पर्सेंट की शानदार तेजी आई थी। इसे मिड और स्मॉल कैप सेगमेंट में मजबूती लौटने का संकेत माना जा रहा है। मार्केट एनालिस्टों का कहना है कि 23 मई को आनेवाले चुनावी नतीजे अगर मोदी के पक्ष में रहते हैं तो इन सेगमेंट्स में तेजी जारी रह सकती है।
इंडियानिवेश सिक्यॉरिटीज में रिटेल रिसर्च के हेड धर्मेश कांत ने कहा, ‘अगर वास्तविक नतीजे एग्जिट पोल के करीब रहते हैं तो हमारा मानना है कि मिड और स्मॉल कैप शेयरों में तेजी आएगी।’ उन्होंने कहा कि इस रैली से मिडकैप सेगमेंट में कई मल्टीबैगर सामने आ सकते हैं। निफ्टी का मिडकैप इंडेक्स साल 2012 के बाद सबसे कम वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहा है।’
निफ्टी लाइफ टाइम हाई लेवल के करीब
एंजेल सिक्यॉरिटीज के समीत चव्हाण ने कहा, ‘मिडकैप इंडेक्स में सोमवार को शानदार तेजी आई। ऐसा लग रहा है कि इंडेक्स में करेक्शन का दौर खत्म हो गया है।’ उन्होंने कहा कि मिडकैप शेयरों के लिए पार्टी शुरू हो गई है। 2017 में शेयर बाजार की तेजी में स्मॉल कैप स्टार परफॉर्मर थे। हालांकि, पिछले साल भारत और इमर्जिंग मार्केट्स में बिकवाली होने से उनमें काफी गिरावट आई। 2018 में निफ्टी मिडकैप इंडेक्स ने माइनस 15 पर्सेंट का रिटर्न दिया था, जबकि बेंचमार्क निफ्टी इंडेक्स में 3।2 पर्सेंट की तेजी आई थी। ट्रेड वॉर और कच्चे तेल के दाम में तेजी की वजह से तब निवेशक ब्लूचिप शेयरों में सुरक्षा तलाश रहे थे। 2019 में भी मिडकैप इंडेक्स नीचे ही रहा है, जबकि निफ्टी लाइफ टाइम हाई लेवल के करीब है।