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हीरे की चमक हुई फीकी, गिरे दाम

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नई दिल्ली। 0.30 कैरट से कम वाले डायमंड्स को खरीदने का सुनहरा मौका है। इस तरह के हीरों की कीमतें 1 जून, 2018 से अब तक करीब 15 फीसदी तक कम हुई हैं। इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक, पिछले 5 सालों में पॉलिश्ड डायमंड की कीमतों में हुई यह सबसे बड़ी गिरावट है।

अंगूठियां व पेन्डेंट की कीमतों में भी आई भरी गिरावट                                     

दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन बिजनस-2-बिजनस (B2B) ट्रेडिंग प्लैटफॉर्म, रैपनेट डायमंड इंडेक्स ने 0.30 कैरेट डायमंड की कीमत 15% की गिरावट के साथ लिस्ट की है। गौर करने वाली बात है कि 0.30 कैरेट के सबसे ज्यादा हीरे सूरत में छोटी और मीडियम यूनिट द्वारा बनाए जाते हैं। जून, 2019 के बाद पब्लिश हुई इंडेक्स के मुताबिक, 1 कैरेट से 3 कैरेट के बीच साइज वाले डायमंड जिन्हें मुख्य तौर पर इन्वेस्टमेंट के तौर पर देखा जाता है और इनमें अंगूठियां व पेन्डेंट शामिल रहते हैं, इनकी कीमतों में भी 6 और 14 प्रतिशत की गिरावट हुई है।

ट्रेड वॉर से बाजारों में प्रॉफिट हुआ कम

रफ डायमंड की कीमतों में तेजी, डायमंड सेक्टर के लिए बैंक फाइनैंस कम होने, लैब में बनी डायमंड जूलरी की मांग में तेजी होने व यूएस-चीन ट्रेड वॉर से बाजारों में मांग कम होने से सूरत और मुंबई के डायमंड बाजार खासे दबाव में हैं क्योंकि प्रॉफिट मार्जिन कम हो गया है।

लैब में बने डायमंड की मांग बढ़ी है, इसका ताजा उदाहरण हाल ही में दुनिया के सबसे बड़ा सालाना जेम्स ऐंड जूलरी शो JCK लास वेगास शो है। इस इवेंट में हिस्सा लेने वाली डायमंड फर्म्स ने कहा कि लूज डायमंड और जूलरी की मांग में कमी आई है।

नैचुरल डायमंड इंडस्ट्री के लिए भी खतरे की घंटी

डायमंड इंडस्ट्री विश्लेषक अनिरूद्ध लिडबिडे ने कहा, ‘मैं लैब में बनी डायमंड जूसरी के 50 से ज्यादा स्टॉल देख चौंक गया। इन स्टॉल्स पर की जाने वाली इन्क्वायरी बहुत बढ़िया थीं, और इससे संकेत मिलते हैं कि ग्राहकों की प्राथमिकताएं बदल गई हैं। सूरत में नैचुरल डायमंड इंडस्ट्री के लिए यह खतरे की घंटी है, खासतौर पर छोटी और मीडियम डायमंड कंपनियों के लिए।’

लिडबिडे ने आगे बताया, ‘भारत में रुपये में गिरावट और सीमित क्रेडिट के चलते निर्माता सावधान हो गए हैं। पिछले 1 साल में सूरत और मुंबई में छोटे डायमंड्स की कैटिगरी में कीमतें 20-25 फीसदी तक अचानक गिर गईं हैं।’

इन्वेन्टरी के चलते 7 से 10 प्रतिशत की कमी आई

सूरत डायमंड असोसिएशन के अध्यक्ष बाबू गुजराती ने कहा, ‘सूरत में डायमंड यूनिट्स अपनी आधी क्षमता के साथ काम कर रही हैं क्योंकि वे लोग इन्वेन्ट्री को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। निर्माता ऊंची कीमत वाले रफ डायमंड को नहीं ले रहे हैं क्योंकि इनके चलते पॉलिश्ड जेम्स के उत्पादन से कोई फायदा नहीं मिल रहा। +11 कैटिगरी वाले सामानों में हाई इन्वेन्टरी के चलते 7 से 10 प्रतिशत की कमी आई है।’

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