मुंबई । विगत दिनों में धुले के एक डॉक्टर को यूरोलाॅजिकल सोसायटी ऑफ़ इंडिया की ओर से यूरोलाॅजी का ‘इनोवेशन अवार्ड ऑफ़ इंडिया प्रदान किया गया।
देश के प्रख्यात यूरोलाॅजिस्ट डा. आशीष रवांडले पाटिल जो कि महाराष्ट्र के धुले से हैं उन्हे 2019 का यह प्रतिष्ठित अवार्ड दिया गया। यह अवार्ड प्रत्येक वर्ष उस सर्वश्रेष्ठ विचार या इंस्ट्रूमेंट की खोज के लिए दिया जाता है जिससे देश में रोगियों की चिकित्सीय गुणवत्ता में वृद्धि हो सके।
ऐसा देखा गया है कि प्रोस्टेट के एंडोस्कोपी वाले आपरेशन्स में नये यूरोलाॅजिस्ट को उचित ट्रेनिंग के अभाव में तकलीफ आती है और इस तरह के ऑपरेशन्स की जटिल प्रक्रिया को मानव रोगी में सीखने व करने के पहले इसे सिखाने के लिए डा. आशीष पाटिल ने एक साएमुलेटर बनाया जिससे जूनियर यूरोलाॅजिस्ट्स को अच्छी तरह से ट्रेनिंग मिल सके। इसमें साएमुलेटर एक सिलिकाॅन का प्रोटोटाइप है जिसमें चिकेन साॅसेज को प्रोस्टेट के ऑब्जेक्ट की तरह प्रयोग किया जाता है। इस साएमुलेटर में एंडोस्कोप को डालकर प्रोस्टेट के आपरेशन के सभी स्टेप्स की अच्छी तरह से प्रैक्टिस की जा सकती है।
मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया अब इन साएमुलेटर बेस्ड ट्रेनिंग प्रोग्राम्स को मान्यता एवं बढ़ावा दे रही है जिससे अधिक से अधिक सर्जन्स को प्रशिक्षित किया जा सके। साएमुलेटर न केवल सस्ता विकल्प है बल्कि आसानी से देश में कहीं भी उपलब्ध भी हो सकता है। इस विशेष उपलब्धि से हमारी विदेशी कंपनियों पर निर्भरता भी काफी हद तक कम हुई है।
देश के जाने माने प्रख्यात यूरोलाॅजिस्ट डॉ आशीष पाटिल महाराष्ट्र के धुले के हैं। उनके नाम 37 आविष्कार और 16 पेटेंट्स दर्ज हैं। उनका नाम यूरोलाॅजी की अनोखी सर्जरीज के कारण 2 बार गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स और अन्य रिकार्ड बुक्स जैसे लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, रिप्लेज बिलीव इट ऑर नाॅट, एशिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स सहित अनेकों रिकार्ड्स बुक्स में आया है। यूरोलाॅजी सोसायटी की ओर से डॉ पाटिल को चौथी बार यह अवार्ड मिला है।