बॉलीवुड डेस्क। मीटू के तहत बॉलीवुड एक्टर आलोकनाथ पर दस महीने पहले टेलीविजन स्क्रीनराइटर विनता नंदा ने रेप केस दर्ज कराया था। इस मामले में ताजा अपडेट यह है कि मुंबई की ओशीवाड़ा पुलिस इस केस को बंद कर सकती है। ओशीवाड़ा पुलिस स्टेशन के एक ऑफिसर ने कहा-हमने पीड़िता का स्टेटमेंट रिकॉर्ड कर लिया था। इसके बाद प्रत्यक्षदर्शियों को भी कई बार स्टेटमेंट रिकॉर्ड करने के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया लेकिन वो नहीं आए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस वजह से पुलिस केस की एक क्लोजर रिपोर्ट जारी करने का मन बना रही है क्योंकि उन्हें आलोकनाथ के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिल पाए हैं।
निजी दुश्मनी के चलते लगाया था आरोप
इससे पहले आलोकनाथ को अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एसएस ओझा ने 5 लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दी थी। उन्होंने कहा था- अभिनेता के खिलाफ राइटर-प्रोड्यूसर विनता नंदा ने निजी दुश्मनी के चलते आरोप लगाया था। आदेश में जज ने कहा था- शिकायतकर्ता ने जो आरोप लगाए हैं, हो सकता है कि वह उसके आलोकनाथ के प्रति एकतरफा प्यार के चलते उठाए गए हों। अभिनेता के खिलाफ साफतौर पर शिकायतकर्ता के अपमानजनक, झूठे, दुर्भावनापूर्ण और काल्पनिक आरोपों के आधार पर केस दर्ज हुआ। इसी केस के चलते आलोकनाथ पर सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन ने बैन भी लगा दिया था। उन्होंने विनता के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराकर 1 रु। हर्जाने की मांग भी की थी। आलोकनाथ अंतिम बार अजय देवगन की फिल्म दे दे प्यार दे में नजर आए थे।
मी टू कैम्पेन के तहत विनता ने आलोक नाथ पर लगाए थे आरोप
पिछले साल अक्टूबर में मी टू कैम्पेन के तहत विनता ने एक फेसबुक पोस्ट में आलोक नाथ पर आरोप लगाए थे। विनता 1990 के दशक के टीवी सीरियल ‘तारा’ की प्रोड्यूसर थीं। इसमें आलोक नाथ दीपक सेठ की मुख्य भूमिका में थे। विनता का आरोप है कि एक दिन आलोक नाथ उन्हें घर छोड़ने गए थे। यहीं पर उन्हें शराब पिलाकर दुष्कर्म किया।