कैंटन। अमेरिका में यहूदियों के उपासनागृह में गोलीबारी करने की योजना बनाने के जुर्म में 13 वर्षीय लड़के को एक साल की ‘प्रोबेशन’ की सजा सुनायी गयी है। ‘प्रोबेशन’ ऐसी सजा है जिसमें किसी दोषी को खास शर्तों के साथ परिवार, मित्र अथवा अपने समुदाय में रहने की मंजूरी होती है लेकिन वह प्रोबेशन अधिकारी की निगरानी में रहता है।
‘द कैंटन रिपॉजिटरी’ अखबार की खबर के मुताबिक, ओहायो के रहने वाले नाबालिग ने अफरा-तफरी मचाने और उपद्रवी आचरण के आरोप शुक्रवार को स्वीकार कर लिए। प्राधिकारियों ने बताया कि कैंटन में ‘टेम्पल इजराइल’ में बड़े पैमाने पर गोलीबारी करने की एक विस्तृत योजना को लाइव स्ट्रीमिंग मंच ‘डिस्कॉर्ड’ पर पोस्ट किया गया था।
अदालत के एक दस्तावेज के अनुसार, स्टार्क काउंटी की परिवार अदालत के न्यायाधीश जिम जेम्स ने प्रोबेशन की सजा का आदेश दिया लेकिन सुधार गृह में 90 दिन की उसकी सजा को निलंबित कर दिया। लड़के पर बिना निगरानी के इंटरनेट का इस्तेमाल करने पर भी रोक लगाई गई है और उसे एक लाइसेंसधारक चिकित्सक से काउंसिलिंग जारी रखने का आदेश दिया गया है। उसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हंगरी के बुडापेस्ट में नरसंहार से हजारों यहूदियों की जान बचाने वाले स्विस राजनयिक कार्ल लुट्ज के बारे में एक किताब पढ़ने को भी कहा गया है। उसे किताब पढ़ने के बाद एक रिपोर्ट किशोर प्रोबेशन विभाग को सौंपनी होगी।
बृहस्पतिवार को जारी किए दस्तावेजों के अनुसार यह मामला सात सितंबर का है जब संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के एक एजेंट ने अधिकारियों को एक लड़के और वाशिंगटन में एक व्यक्ति के बीच सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर सतर्क किया जिसमें यहूदी उपासनागृह को जलाने और उसमें ‘‘गोलीबारी’’ करने की योजना का जिक्र था। अमेरिका और दुनियाभर में यहूदी विरोधी घटनाओं में तेजी के बीच यह मामला सामने आया है। अकेले अमेरिका में 2021 से 2022 तक यहूदी विरोधी घटनाओं में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई।