लखनऊ। 2024 लोकसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है सियासी दल अपने अपने एजेंडों को लेकर एक्शन में दिख रहे हैं। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के बाद अब बहुजन समाज पार्टी ने भी जातीय जनगणना कराने की मांग कर दी है। बसपा सप्रीमो मायावती ने जातीय जनगणना की मांग करते हुए कहा कि पटना हाईकोर्ट की ओर से पूर्णता वैध ठहराए जाने के बाद अब सबकी निगाहें यूपी पर टिकी है कि यहां यह प्रक्रिया कब होगी। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जातीय जनगणना की मांग लगातार जोर पकड़ रही है, लेकिन बीजेपी सरकार इसके लिए तैयार नहीं दिख रही है। यह अति चिंतनीय है।
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने जातीय जनगणना को लेकर बुधवार को एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा कि ओबीसी समाज की आर्थिक, शैक्षणिक व सामाजिक स्थिति का सही आकलन कर उसके हिसाब से विकास योजना बनाने के लिए बिहार सरकार द्वारा कराई जा रही जातीय जनगणना को पटना हाई कोर्ट की ओर से पूरी तरह वैध ठहराया गया है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कोर्ट से वैध ठहराने के बाद से अब सबकी निगाहें यूपी पर टिकी हैं कि यहां यह जरूरी प्रक्रिया कब शुरू होगी।
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि देश के कई राज्य में जातीय जनगणना के बाद यूपी में भी जातीय जनगणना की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। लेकिन, वर्तमान भाजपा सरकार जातीय जनगणना को लेकर तैयार नहीं लगती है। यह अति- चिन्तनीय है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की यह मांग केवल यूपी में ही नहीं है। केंद्र को राष्ट्रीय स्तर पर भी जातीय जनगणना करानी चाहिए।
बसपा सुप्रीमो मायावती के आगे कहा कि देश में जातीय जनगणना का मुद्दा मंडल आयोग की सिफारिश को लागू करने की तरह, राजनीति का नहीं बल्कि सामाजिक न्याय से जुड़ा महत्त्वपूर्ण मामला है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा कि समाज के गरीब, कमजोर, उपेक्षित और शोषित लोगों को देश के विकास में उचित भागीदार बनाकर उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए ऐसी गणना जरूरी है। मायावती की इस रणनीति को एक अलग माहौल के रूप में देखा जा रहा है।