बिहार। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाकर समय से पहले लोकसभा चुनाव कराने की उनकी आशंका को बल दिया है। जद (यू) नेता ने मुंबई से लौटने के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आपको यह समझने की जरूरत है कि यह विशेष सत्र एक संकेत है कि वे शीघ्र चुनाव के बारे में सोच रहे हैं, जिसकी संभावना मैं काफी समय से देख रहा हूं और आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं। संसद, जिसे पिछले महीने मानसून सत्र के बाद अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था, एक विशेष सत्र के लिए 18 से 22 सितंबर तक बैठक करेगी, जिसके एजेंडे को केंद्र ने सार्वजनिक नहीं किया है।
वहीं, विपक्ष की बैठक पर नीतीश कुमार ने कहा कि यह बहुत अच्छी रही है। अब हम सब मिलकर लड़ेंगे। 5 तरह के कामों के लिए कमेटी बन गई है। केंद्र सरकार बहुत कुछ कर रही है, लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने की बात हो रही है। ये तो पहले भी होता था, ये बहुत अच्छा है। उन्होंने आगे कहा कि बहुत सी चीजें पहले होती थी, जनगणना भी हर 10 साल पर होती थी, लेकिन आपने (भाजपा) नहीं कराया, ये तो होना चाहिए था। कल इन सब पर भी बात हुई। उन्होंने दावा किया कि मुझे पहले से ही शक है कि ये पहले चुनाव करा देंगे। विपक्ष की एकता से ये खतरा महसूस कर रहे हैं। केंद्र सरकार बहुत घबराहट में है।
जद (यू) नेता, जिनकी पार्टी के लोकसभा में 16 सांसद हैं, ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के बारे में सवालों का जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा, “ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें आगामी सत्र के दौरान जोरदार ढंग से उठाया जाएगा।” बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि जनता जो मजबूत विकल्प चाहती थी, वो विकल्प हम तैयार कर रहे हैं। समन्वय समिति(गठबंधन की) भी बन गई है…’वन नेशन, वन इलेक्शन’ से पहले उन्हें ‘वन नेशन, वन इनकम’ करनी चाहिए। पहले लोगों के साथ आर्थिक न्याय करें। वे (भाजपा) पूरे देश पर कब्ज़ा करना चाहते हैं।