Home National शराब घोटाला मामले में ईडी ने सेवानिवृत्त IAS अधिकारी अनिल टुटेजा को...

शराब घोटाला मामले में ईडी ने सेवानिवृत्त IAS अधिकारी अनिल टुटेजा को गिरफ्तार किया

38
0

रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य में 2,000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में छत्तीसगढ़ के सेवानिवृत्त आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी अनिल टुटेजा को गिरफ्तार कर लिया है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। संघीय एजेंसी ने 2003 बैच के अधिकारी को शनिवार को रायपुर स्थित आर्थिक अपराध शाखा /भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के कार्यालय से हिरासत में लिया, जहां वह और उनके बेटे यश टुटेजा इसी मामले में अपना बयान दर्ज कराने पहुंचे थे। ईडी ने उन्हें जांच में शामिल होने और अपने बयान दर्ज कराने के लिए ईओडब्ल्यू/एसीबी कार्यालय में तलब किया था, जिसके बाद उन्हें यहां केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में ले जाया गया।

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी से पूछताछ की गई और बाद में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत उन्हें हिरासत में ले लिया गया। पूछताछ के बाद यश टुटेजा को जाने दिया गया। सूत्रों ने बताया कि आईएएस अधिकारी को रिमांड पर लेने के लिए मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए जाने की संभावना है। अनिल टुटेजा पिछले साल प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे। उच्चतम न्यायालय ने आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित ईडी की प्राथमिकी को हाल में रद्द कर दिया था जिसके बाद संघीय एजेंसी ने कथित शराब घोटाला मामले में धनशोधन का एक नया मामला दर्ज किया था।

एजेंसी ने मामले में अपनी जांच का विवरण राज्य ईओडब्ल्यू/एसीबी के साथ साझा किया था और आपराधिक मामला दर्ज करने का अनुरोध किया था। राज्य ईओडब्ल्यू/एसीबी द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद ईडी ने उस शिकायत का संज्ञान लेते हुए धनशोधन का एक नया मामला दर्ज किया। ईओडब्ल्यू/एसीबी ने विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी द्वारा कांग्रेस को हराए जाने के लगभग एक महीने बाद 17 जनवरी को यह प्राथमिकी दर्ज की थी और पूर्व मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड और अन्य सहित 70 व्यक्तियों तथा कंपनियों को इसमें नामजद किया था।

ईडी ने अपराध से अर्जित आय लगभग 2,161 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया था। प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ में बेची गई शराब की ‘‘हर’’ बोतल से ‘‘अवैध’’ धन एकत्र किया गया था और रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर के नेतृत्व वाले शराब सिंडिकेट द्वारा कमाए गए 2,000 करोड़ रुपये के धनशोधन तथा ‘‘अप्रत्याशित’’ भ्रष्टाचार के सबूत मिले हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि यह कदम राजनीति से प्रेरित है।

उन्होंने कहा था कि पिछले तीन वर्षों से, ईडी और आयकर विभाग मामलों की जांच कर रहे थे तथा अब उन्होंने एसीबी को अपराध दर्ज करने की सिफारिश की है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था, ‘‘पहले हमारी पार्टी के कई नेताओं के नाम जांच में सामने नहीं आए थे, लेकिन अब उनके नाम (ईओडब्ल्यू/एसीबी की) प्राथमिकी में दर्ज किए गए हैं। यह लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें बदनाम करने के लिए किया गया है।…।’’ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था, ‘‘ईडी एक स्वतंत्र एजेंसी है और वह अपना काम करती रही है। इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।