नई दिल्ली। भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन के मंच से भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर की ऐतिहासिक घोषणा हुई है। इसमें भारत, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी की भागीदारी होगी। जी-20 सम्मेलन में इस परियोजना की घोषणा चीन के लिए भी एक अहम संदेश है। यह कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे पर सहयोग चीन से इतर अपनी तरह की एक बड़ी पहल है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यह वास्तव में एक बड़ी डील है। चीन इस परियोजना का विरोध करता रहा है।
कॉरिडोर पूरी दुनिया को दिखाएगा एक सतत राह
पीएम मोदी ने इस कॉरिडोर की घोषणा पर कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन में इस बार एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की थीम पर फोकस किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा शिखर सम्मेलन में और कई मायनों में, इस साझेदारी का फोकस भी है जिसका शिखर सम्मेलन से जिक्र किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि इस सम्मेलन में टिकाऊ, लचीले बुनियादी ढांचे का निर्माण, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे में निवेश करना और बेहतर भविष्य का निर्माण करने पर जोर दिया गया। पीएम मोदी ने कहा कि यह कॉरिडोर समूचे विश्व को एक सतत राह दिखाएगा।
अंगोला से नई रेल लाइन बनाएगा अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका हिंद महासागर की तरफ अंगोला से एक नई रेल लाइन में निवेश करेगा। उन्होंने कहा कि इससे नौकरिया पैदा होंगी और खाद्य सुरक्षा बढ़ेगी। बाइडन ने कहा कि यह एक गेम-चेंजिंग निवेश है। उन्होंने कहा कि दुनिया इतिहास के एक मोड़ पर खड़ी है। आइए मिलकर एक होकर काम करें। वहीं, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि सऊदी अरब इस पहल के कार्यान्वयन के लिए तत्पर है। वहीं, यूरोपीय संघ के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि यह भारत, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच सबसे सीधा संबंध होगा। इससे यात्रा 40 प्रतिशत तेज हो जाएगी।