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योग के जरिए भारत के विश्व गुरु बनने की परिकल्पना हो रही है साकार : राकेश गर्ग

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  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व प्रातः बेला पर इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन संस्कृति ने आयोजित किया योग शिविर
  • सैकड़ों लोगों ने किया प्रतिभाग, योग को अपनी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बनाने का लिया संकल्प

आगरा। इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन संस्कृति द्वारा गुरुवार को कमला नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व प्रातः बेला पर योग शिविर का आयोजन किया गया। योग शिविर शुभारम्भ के मौके पर फाउंडेशन के चेयरमैन पूरन डावर ने योग को स्वस्थ और दीर्घायु जीवन के लिए वरदान बताया, उन्होंने सभी से योग को अपनी ज़िंदगी का अहम् हिस्सा बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया।

शिविर में योगाचार्य मुरारी प्रसाद अग्रवाल के निर्देशन में प्रतिभागियों को योग आसान कराये गए, जिनमें पद्मासन, वज्रासन, सिद्धासन, मत्स्यासन, वक्रासन, अर्ध-मत्स्येन्द्रासन, गोमुखासन, पश्चिमोत्तनासन, ब्राह्म मुद्रा, उष्ट्रासन, मयूरासन की क्रियाएं प्रमुख रूप से रहीं। एक घंटा 30 मिनट के उनके सत्र में लोगों ने एकाग्रचित्त होकर योग किया।

उस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम के उपाध्यक्ष राकेश गर्ग शामिल हुए उन्होंने कहा कि भारत योग के जरिये विश्व गुरु बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है अब वो दिन दूर नहीं जब हमारी यह परिकल्पना साकार होगी और हम विश्व गुरु के रूप में अपने खोये हुए वजूद को पुनः हासिल करेंगे।

इंटरनेशनल योगा ट्रेनर कमलजीत कौर ने मेडिटेशन यानि ध्यान मुद्रा के माध्यम से मानसिक शांति और नकारात्मकता से दूर रहने के गुर सिखाये उन्होंने बताया कि मेडिटेशन व्यक्ति को आंतरिक रुप से उत्साहित और प्रसन्न रखने में सहायक है। साथ ही साथ यह आपकी ऊर्जा शक्ति और आत्म शक्ति को भी मजबूत करता है।

योग शिविर में वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. कैलाश चंद्र सारस्वत, डॉ. राम नरेश शर्मा, गुड्डू शर्मा, संजय जैन, भगवान दास, नीलम शर्मा, सीमा अग्रवाल, महेश चंद्र अग्रवाल, संजय शर्मा, नीलम अग्रवाल, सोनिया शर्मा आदि विशेष रूप से शामिल रहे। कार्यक्रम में व्यवस्थाएं इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन संस्कृति के महासचिव अजय शर्मा, कन्वीनर ब्रजेश शर्मा, अविनाश वर्मा, मनिंदर सिंह मोखा, नवल बाबा आदि ने संभाली।

योग स्वस्थ और दीर्घायु जीवन के लिए वरदान है। योग हमें सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए। मैं आप सभी से योग को जीवन का अहम् हिस्सा बनाने का संकल्प लेने का आह्वान करता हूँ।
-पूरन डावर, चेयरमैन, इनक्रेडिबल इंडिया फाउंडेशन संस्कृति

पद्मासन, वज्रासन, सिद्धासन, मत्स्यासन, वक्रासन, अर्ध-मत्स्येन्द्रासन, गोमुखासन, पश्चिमोत्तनासन, ब्राह्म मुद्रा, उष्ट्रासन, मयूरासन ये योग की वह क्रियाएं हैं जिन्हें यदि आप प्रतिदिन करते हैं तो तय मानिए आपका शरीर पूरी तरह रोग मुक्त रहेगा।
– मुरारी प्रसाद अग्रवाल, योगाचार्य

भारत योग के जरिये विश्व गुरु बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है अब वो दिन दूर नहीं जब हमारी यह परिकल्पना साकार होगी और हम विश्व गुरु के रूप में अपने खोये हुए वजूद को पुनः हासिल करेंगे।
– राकेश गर्ग, उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम

यदि कोई पूछे कि रोगों से मुक्ति पाने का रहस्य क्या है तो मैं यही कहूंगा कि योग ही सभी रोगों से मुक्ति का एक मात्र रहस्य है। इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि प्रतिदिन आप योग अवश्य करें।
– डॉ. कैलाश चंद्र सारस्वत, वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक

मेडिटेशन से मानसिक शांति और नकारात्मकता से दूर रहती है। यह व्यक्ति को आंतरिक रुप से उत्साहित और प्रसन्न रखने में बड़ा सहायक है। साथ ही साथ यह आपकी ऊर्जा शक्ति और आत्म शक्ति को भी मजबूत करता है।
– कमलजीत कौर, इंटरनेशनल योगा ट्रेनर