वृन्दावन। रमणरेती क्षेत्र स्थित फोगला आश्रम में गौसेवा परिवार, सीतारामप्यारी सोभासरिया चैरिटेबल ट्रस्ट (कलकत्ता) के तत्वावधान में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ प्रारम्भ हो गया है।महोत्सव का शुभारभ प्रातःकाल गाजे-बाजे के मध्य निकाली गई श्रीमद्भागवत की भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ।जिसमें श्रीहरिनाम संकीर्तन करते हुए सैकड़ों भक्त-श्रृद्धालु एवं पीत वस्त्र पहने महिलाएं सिर पर मंगल कलश धारण कर साथ चल रही थीं।
व्यासपीठ से श्रीहरिदासी वैष्णव संप्रदायाचार्य भागवत प्रवक्ता आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने श्रीमद्भागवत महापुराण का महात्म्य श्रवण कराते हुए कहा कि मनुष्य योनि में जन्म लेने मात्र से जीव को मानवता प्राप्त होती नहीं है। मानवता वहीं से प्रारंभ होती है जहां स्वार्थ समाप्त होता है। यदि मनुष्य योनि में जन्म लेने के बाद भी उसमें स्वार्थ की भावना भरी हुई है, तो वह मनुष्य होते हुए भी राक्षसी वृत्ति की पायदान पर खड़ा रहता है। यदि व्यक्ति स्वार्थ की भावना को पूर्णतः त्याग कर हमेशा परमार्थ और सेवा भाव से जीवन यापन करे, तो निश्चित रूप से वह एक अच्छा इंसान बन जाता है। क्योंकि परमार्थ की भावना ही व्यक्ति को महान बनाती है।