Home Agra News जूतों पर क्यू सी ओ, बीआई एस लगने से बढ़ेगी गुणवत्ता

जूतों पर क्यू सी ओ, बीआई एस लगने से बढ़ेगी गुणवत्ता

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आगरा। पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। सबसे बड़े बाज़ार के रूप में और विश्व की उत्पादन फैक्ट्री के रूप में देख रहा है और हर ग्लोबल आर्थिक संस्थाएँ यह पूरी शताब्दी भारत को बताती हैं।

आगरा फुटवियर मैनुफैक्चरस एवं एक्सपोर्ट्स चैम्बर के अध्यक्ष एवं सीएलई के रीजनल चेयरमैन पूरन डावर ने कहा कि सरकार भी पूरे प्रयास कर रही है कि मैन्यूफ़ैक्चरिंग सेक्टर को किस तरह बढ़ावा दिया जाए, कैसे रोज़मर्रा की कंज्यूमर गुड्स का इंपोर्ट बंद हो या घटे। उत्पादन देश में हो उस पर कुछ ड्यूटी बड़ाकर टैरिफ़ बैरियर और कुछ अन्य तरह की रोक लगाकर नॉन टैरिफ़ बैरियर के प्रयास कर रही है।

लेकिन देश के आम नागरिकों या छोटे उत्पादकों की सीमित समझ कहें, अज्ञानता कहें या फिर सरकारी तंत्र से इतने प्रताड़ित हो चुके हैं कारण वह भय है। हर उस अच्छे कदमों का विरोध करते हैं जो उनके लिए ही किए जा रहे हैं अग्नवीर हो या किसान क़ानून ये अद्भुत योजनायें राजनीति की भेंट चढ़ चुके हैं।

अभी जूते की गुणवत्ता बढ़ाने, देश में बने जूतों की गुणवत्ता बढ़ाने, देश और विदेश में विश्वास पैदा करने, चीन-वियतनाम जैसे देशों में अन्य देशों से जूते के आयात को क़तई रोकने ताकि यह आयात होने वाले तमाम सिंथेटिक जूते स्पोर्ट्स शू चीन जैसे देशों से आयात न होकर भारत में बनें और तमाम विदेशी ब्रांड नाईकी, एडिडास, पूमा, अंडर आर्मर आदि जो भारत में बिक रहे हैं भारत में ही बनें, जिससे यहाँ का उद्योग खड़ा हो और रोज़गार बढ़े। क्यू सी ओ लाए गए हैं बीआई एस के दायरे में लाया गया है।

आश्चर्य होता है कि वही लोग जिनके लिए यह सब किया जा रहा है वही विरोध करने लगते हैं और सहारा उन छोटे उद्यमियों का लिया जाता है जो इस दायरे में आते ही नहीं सूक्ष्म एवं लघु उद्यमी जिनका टर्नओवर 50 करोड़ से नीचे है वे इस दायरे में क़तई नहीं हैं उन्हें यह कह कर भड़काया जा रहा कि आने वाले समय में आप पर भी लगेगा।

उन छोटे उद्यमियों को क़तई बहकावे में नहीं आना चाहिए जब तक आप पर लगने का समय आयेगा तब तक आप भी तैयार हो चुके होंगे और उसके महत्व को समझने लगेंगे। सरकार को पूरा विश्वास दिलाना होगा कि कोई भी उद्यमी सरकारी व्यवस्था से प्रताड़ित नहीं है, मंशा गुणवत्ता बढ़ाने की है दोहन की नहीं, सरकार को ऐसे दिशा निर्देश देने जिससे अधिकारियों के व्यवहार से स्पष्ट झलकता हो सरकार मक़सद मात्र गुणवत्ता बढ़ाना है। सरकार तकनीकी ऑडिट की व्यवस्था करे, उन्हें कम से कम दो वर्ष का समय दिया जाय जिससे वह भी उस गुणवत्ता तक पहुँच सकें।