नई दिल्ली।आईपीएल अब धीरे-धीरे अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहा है। चेन्नै सुपर किंग्स जहां टॉप पर है वहीं लगातार छह मैच हारने के बाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम अगले 5 में से चार मुकाबले जीत चुकी है। टीम की लगातार तीसरी जीत के बाद कुछ प्रशंसकों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि क्या बैंगलोर अब भी प्लेऑफ में पहुंच सकती है? और अगर ऐसा होता है तो यह अपने आप में एक रेकॉर्ड होगा क्योंकि कोई भी टीम शुरुआती छह मैच हारने के बाद अंतिम चार में जगह नहीं बना पाई है।
2014 में मुंबई की टीम ने शुरुआती पांच मुकाबले हारकर प्लेऑफ में पहुंची थी। इंडियन प्रीमियर लीग में कम से कम सात मैच जीतकर ही कोई टीम प्लेऑफ में पहुंचने के बारे में सोच सकती है।
बुधवार को बैंगलोर ने किंग्स इलेवन पंजाब को 17 रनों से हराया और अब वह पॉइंट्स टेबल में सातवें स्थान पर पहुंच गई है। और अगर टीम अपने बाकी मैच जीतती है तो वह किसी करिश्मे की उम्मीद कर सकती है।
रॉयल चैलेंजर्स की गेंदबाजी अब थोड़ा दम दिखा रही है। बुधवार को भी उसने गेंदबाजी आक्रमण में संतुलन बनाते हुए एक अतिरिक्त स्पिनर को मौका दिया। टीम के लिए सुकून देने वाली बात यह भी है कि उनके स्टार बल्लेबाज एबी डि विलियर्स ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है और वह विश्व कप ड्यूटी में नहीं जाएंगे। ऐसे में वह पूरे सीजन के लिए उपलब्ध रहेंगे।
विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने अपनी बल्लेबाजी से अधिकतर मौकों पर टीम के टॉप ऑर्डर को संभालकर रखा है। इसके अलावा टीम को अगले तीन मैचों में से दो घरेलू मैदान पर खेलने हैं। यह भी उसके लिए फायदे की बात है।
क्या स्टॉयनिस और मोईन अली के जाने की है चिंता
ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर मार्कस स्टॉयनिस और इंग्लैंड के मोईन अली वर्ल्ड कप के लिए अपनी-अपनी टीम के साथ जुड़ जाएंगे। दोनों ही खिलाड़ी गेंद और बल्ले से बैंगलोर को संतुलन देते रहे हैं और इनका जाना टीम के लिए बड़ा झटका होगा। ऐसा नहीं है कि बैंगलोर के बाद विदेशी खिलाड़ियों की कमी है लेकिन न्यू जीलैंड के कॉलिन डि ग्रैंडहोम और वेस्ट इंडीज के शिमरॉन हेटमेयर अभी तक अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। इसके अलावा RCB की रनरेट -0.683 है, जो टूर्नमेंट में सबसे खराब है और इससे उसे बड़ी परेशानी हो सकती है।
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का अगला मुकाबला रविवार को दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ फिरोजशाह कोटला में होगा। दिल्ली ने बैंगलोर को आखिरी बार बैंगलोर को अप्रैल 2016 में हराया था और पिछले पांच मुकाबलों में उसे हार मिली है।
कमाल की बात यह है कि बैंगलोर ने कोटला में 2010 से कोई मैच नहीं हारा है। कोहली और कंपनी को उम्मीद होगी कि वह दिल्ली के खिलाफ अपने पुराने प्रदर्शन को दोहरा सके। अगर रविवार को बैंगलोर की टीम जीत जाती है तो उसे अपने दो मैच चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेलेगी। टीम के ये दो मैच राजस्थान रॉयल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ होंगे। रॉयल्स इस समय अंक तालिका में सबसे निचले पायदान पर है और सनराइजर्स से मुकाबला शायद बैंगलोर के मुकद्दर पर फैसला कर दे।
सभी मुकाबले जीतने होंगे
बैंगलोर की टीम को अपनी सभी मुकाबले जीतने होंगे और ऐसा करके उसे कुल 14 अंक हो जाएंगे। इसके बाद उसे बाकी टीमों के हार जीत पर निर्भर रहना होगा। अगर कोलकाता और सनराइजर्स हैदराबाद अपने सभी मैच हार जाते हैं तो शायद बैंगलोर के लिए उम्मीद बढ़ जाए।