बिज़नेस डेस्क। मार्केट वैल्यू के लिहाज से देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) विदेश से लगभग 1.85 अरब डॉलर का और कर्ज जुटाने जा रही है। इस वित्त वर्ष में किसी कंपनी की ओर से यह सबसे अधिक फंड जुटाने की कोशिश है। बड़े एशियाई लेंडर्स सहित लगभग तीन दर्जन बैंक क्रेडिट को सिंडिकेट कर रहे हैं। लोन की मैच्योरिटी पांच वर्ष से कुछ अधिक की होगी।
डेवलपमेंट की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने ईटी को बताया कि जापान, चीन, ताइवान से बैंकों सहित कई बैंक इसकी डिटेल्स को अंतिम रूप दे रहे हैं। इस बारे में कंपनी को भेजी गई ईमेल का उत्तर नहीं मिला।
एक सूत्र ने कहा, ‘कंपनी इस फंड का इस्तेमाल रीफाइनैंसिंग के लिए नहीं बल्कि बिजनस बढ़ाने में करेगी।’ यह शायद पहली बार है कि जब एशिया के इतने अधिक बैंक एक बिजनस हाउस के लिए फंड की व्यवस्था पर एक साथ काम कर रहे हैं।
इसमें बैंक ऑफ चाइना, सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन, डिवेलपमेंट बैंक ऑफ जापान, DBS, HSBC, JP मॉर्गन, बार्कलेज जैसे इनवेस्टमेंट बैंक शामिल हैं। बैंकों से इस खबर पर टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका। JP मॉर्गन ने हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा था, ‘वैल्यूएशन मल्टीपल बढ़ा होने और कोर बिजनस के लिए स्थितियां कमजोर दिखने के बावजूद हमने रिलायंस पर न्यूट्रल रेटिंग बरकरार रखी है। कंज्यूमर टेक बिजनस में एक बाहरी इनवेस्टर को कुछ हिस्सेदारी बेचने की संभावना से शेयर को मदद मिलनी चाहिए।’
हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अप्रैल में इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से मना किया था कि वह अपने रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल बिजनस में 25 पर्सेंट हिस्सेदारी बेचने के लिए सऊदी अरामको के साथ बातचीत कर रही है। इसके साथ कंपनी ने यह भी कहा था कि वह लगातार ग्रोथ बढ़ाने के लिए अवसरों का लगातार मूल्यांकन करती रहती है।2
20,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी RIL
रिलायंस इंडस्ट्रीज में माइनॉरिटी स्टेक बेचने से लगभग 15 अरब डॉलर मिल सकते हैं। कंपनी के रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स बिजनस की वैल्यू करीब 60 अरब डॉलर होने का अनुमान है। RIL अपने टेलीकॉम बिजनस में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस निवेश से रिलायंस जियो इंफोकॉम को अपने ब्रॉडबैंड बिजनस को बढ़ाने के साथ ही ई-कॉमर्स में उतरने में भी मदद मिलेगी। कंपनी की योजना बड़े स्तर पर 5G सर्विसेज शुरू करने की भी है। ईटी ने अप्रैल में रिपोर्ट दी थी कि रिलायंस जियो इंफोकॉम की फाइबर नेटवर्क यूनिट बैंकों के एक ग्रुप से सिंडीकेट लोन के तौर पर लगभग 27,000 रुपये जुटा रही है। इस फंड का इस्तेमाल वह बिजनस की जरूरतों के लिए करेगी। पिछले एक वर्ष में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 25 पर्सेंट से अधिक चढ़ा है, जबकि इस अवधि में सेंसेक्स में 11.60 पर्सेंट की तेजी आई है।