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ज्योति मौर्य पर कस सकता है शिकंजा, भ्रष्टाचार का आरोप, जांच कमिटी गठित

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प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य का मामला एक बार फिर सामने आया है। प्रयागराज प्रशासन ने एसडीएम ज्योति मौर्य के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए कमिटी का गठन किया है। इस कमिटी को ज्योति पर लगे आरोपों से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं। ज्योति के पति आलोक मौर्य ने कमिटी को डायरी के पन्ने और कुछ अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं। इसके आधार पर अब आगे जांच की गति को तेज किया जाएगा। ज्योति मौर्य पर पीसीएस अधिकारी बनने के बाद अपने पति को छोड़ने का आरोप लगा है। ज्योति ने अपने पति से तलाक की अर्जी फैमिली कोर्ट में दायर की हुई है। वहीं, आलोक मौर्य अपनी पत्नी को पीसीएस अधिकारी बनाने के लिए त्याग करने की बात करते हुए सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं।

आलोक मौर्य ने अपनी पत्नी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। एसडीएम ज्योति मौर्य के ऊपर लगे आरोपों की जांच के लिए कमिटी का गठन किया जा चुका है। कमिटी ने इस मामले में शिकायती पत्र और अन्य दस्तावेज हासिल कर लिया है। दस्तावेज उनके पति आलोक मौर्य की तरफ से उपलब्ध कराए गए हैं। दस्तावेज में डायरी के पन्ने और कुछ अन्य डॉक्यूमेंट शामिल हैं। दावा किया जा रहा है कि डायरी के 32 पेज हैं, जिन्हें कमिटी को आलोक मौर्य ने दिया है। इन डायरी के पन्नों के आधार पर ज्योति पर हर माह 5 लाख रुपए की हेरफेर करने का आरोप लगाया गया है। कमिटी अब आगे की जांच और बयान लेने के लिए दोनों पक्षों को बुलाने की तैयारी कर रही है। अफसरों का कहना है कि दस्तावेजों का परीक्षण करने के बाद दोनों पक्षों को नोटिस जारी कर बयान के लिए बुलाया जाएगा।

वित्तीय अनियमितता का आरोप
एसडीएम ज्योति मौर्य पर उसके पति आलोक मौर्य ने वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रयागराज में तैनाती के दौरान उन पर करोड़ों रुपए की हेरफेर करने का आरोप है। इसको लेकर आलोक मौर्य ने सरकार के समक्ष शिकायत की थी। सरकार की ओर से इस मामले की जांच का जिम्मा प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत को सौंपा गया। मंडलायुक्त ने जांच के लिए एडीएम अमृत लाल बिंद की अध्यक्षता में कमिटी का गठन किया है। महिला पीसीएस अफसर के खिलाफ जांच को देखते हुए कमिटी में एडीएम प्रशासन के साथ एसीएम प्रथम को भी शामिल किया गया है। एसीएम प्रथम महिला हैं।

करोड़ों के हेरफेर का आरोप
आलोक मौर्य की ओर से उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों को लेकर कई प्रकार के दावे किए जा रहे हैं। चर्चा यह भी चल रही है कि आलोक की ओर से उपलब्ध कराए गए डायरी के 32 पन्नों में 33 करोड़ रुपए की हेरफेर करने का आरोप लगा है। हालांकि, जांच कमेटी ने स्पष्ट किया है कि शिकायती पत्र के साथ डायरी के कुछ पन्ने दिए गए हैं। कितने पन्ने हैं? इसकी गणना नहीं की गई है। जांच कमेटी के अध्यक्ष एडीएम अमृत लाल बिंद ने कहा कि शिकायती पत्र में लगभग 5 लाख रुपए मासिक हेरफेर का आरोप लगाया गया है। कमिटी बहुत जल्द दोनों पक्षों को बुलाकर बयान लेगी। आरोप लगाने वाले को प्रमाण पत्र देना होगा और आरोपित पक्ष को इसकी सफाई देनी होगी।

एडीएम ने कहा कि दोनों पक्षों का बयान लेने के बाद कमेटी अपना निर्णय लेगी। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जांच का मूल केंद्र कर्मचारी आचरण नियमावली ही है। इसके अलावा कमिटी किसी अन्य विषय की जांच नहीं कर रही है। जब जांच पूरी हो जाएगी तो इसकी जानकारी अफसरों को दी जाएगी। इस मामले पर एसडीएम ज्योति से मीडिया ने बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने विभागीय जांच का मामला बताकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।