नई दिल्ली। जुलाई से लेकर दिसंबर 2018 के बीच माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के चलते 166,513 अकाउंट्स सस्पेंड कर दिए हैं। ट्विटर की ओर से कहा गया कि प्लैटफॉर्म की ‘जीरो-टॉलरेंस पॉलिसी इनफोर्समेंट’ के चलते आतंकी संगठनों द्वारा ट्विटर के इस्तेमाल में तेजी से कमी आई है। ट्विटर के लीगल, पॉलिसी और ट्रस्ट ऐंड सेफ्टी लीड विजया गड़े ने बताया कि पिछले रिपोर्टिंग पीरियड (जनवरी-जून 2018) के मुकाबले अब आतंक से जुड़े ट्वीट्स 19 प्रतिशत तक कम हुए हैं।
एक ब्लॉग पोस्ट में विजया ने लिखा, ‘जितने भी अकाउंट्स को सस्पेंड किया गया है, उनमें से 91 प्रतिशत को हमारे इंटरनल तकनीकी टूल्स ने फ्लैग किया था और गलत पाया था।’ उन्होंने लिखा, ‘हमें 86 देशों की सरकारों से सूचना देने की रिक्वेस्ट मिली थी। इसमें से अकेले यूएस ने 30 प्रतिशत इनफॉर्मेशन रिक्वेस्ट भेजी थीं और इस कैटिगरी में बाकी ग्लोबल अकाउंट्स से 35 प्रतिशत रिक्वेस्ट थीं।’ कहा गया कि ट्विटर ज्यादातर ऐसे मामलों में ट्वीट किए जाने से पहले ही अकाउंट पर ऐक्शन ले लेता है।
ट्विटर ने 48 देशों के 27,283 अकाउंट्स से जुड़ी रिक्वेस्ट मिलीं
ब्लॉग में बताया गया है कि यूएस के बाद जापान की ओर से 24 प्रतिशत, यूके से 13 प्रतिशत, भारत और जर्मनी से 6-6 प्रतिशत और फ्रांस से पांच प्रतिशत इनफॉर्मेशन रिक्वेस्ट ट्विटर को भेजी गई थीं। गड़े ने बताया, ‘हमें पिछले रिपोर्टिंग पीरियड के मुकाबले अपने प्लैटफॉर्म से कंटेंट हटाने की 8 प्रतिशत कम लीगल रिक्वेस्ट आईं और इसी तरह पिछले पीरियड के मुकाबले 2 प्रतिशत कम अकाउंट इससे प्रभावित हुए।’ ट्विटर को पहली बार बुल्गारिया, मेसेडोनिया और स्लोवेनिया समेत 48 देशों के 27,283 अकाउंट्स से जुड़ी रिक्वेस्ट मिलीं।
456,989 अकाउंट्स बाल यौन उत्पीड़न से जुड़े आरोपों के चलते हटाए
कंपनी की ओर से कहा गया है कि सभी लीगल रिक्वेस्ट में से 74 प्रतिशत में केवल दो देशों रूस और टर्की से शेयर किए गए कंटेंट को हटाने का निवेदन किया गया है। इस रिपोर्टिंग टाइम के दौरान ट्विटर ने कुल 456,989 यूनीक अकाउंट्स बाल यौन उत्पीड़न से जुड़े आरोपों के चलते हटाए। हालांकि पिछले रिपोर्टिंग पीरियड के मुकाबले यह संख्या 6 प्रतिशत कम रही। इन अकाउंट्स में से करीब 96 प्रतिशत को फोटोडीएनए और बाकी टूल्स के जरिए ट्विटर ने ही फ्लैग किया और जरूरी कदम उठाया।