नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र में 128वें संविधान संशोधन के माध्यम से लाया गया महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम, 2023) अब राज्यसभा में भी पास हो गया है। सदन ने सर्वसम्मति के साथ ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को पास कर दिया। राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल के पक्ष में 215 वोट पड़े जबकि किसी ने भी बिल के खिलाफ वोट नहीं डाला। वहीं विधेयक के पास होने के बाद सभापति धनखड़ ने कहा कि यह एक सुखद संयोग है कि हिंदू रीति के अनुसार आज PM मोदी का जन्मदिन है। मैं उन्हें बधाई देता हूं।
कानून बनने के बाद भी लागू होने में समय लगेगा
अभी इस बिल के सामने दो बाधाएं हैं, परिसीमन और जनगणना। इस कारण कानून बनने के बाद भी इसे लागू करने में वक्त लगेगा। जनगणना और परिसीमन दोनों काफी जटिल प्रक्रियाएं हैं। इनकी रफ्तार भी धीमी होती है। जनगणना-2021 डिजिटल तरीके से होनी है। यह और बात है कि वेरिफिकेशन में वक्त लगेगा। जनगणना के बाद परिसीमन होगा। इसमें भी कम से कम दो साल का समय लगेगा। ऐसे में कुल मिलाकर 2029 के बाद ही महिला आरक्षण कानून लागू हो पाएगा। ऐसे में इस पूरी कवायद में दो बातें बहुत ज्यादा अहम हो जाती हैं। पहला, जनगणना कब शुरू होगी? दूसरा, नया परिसीमन कब लागू होगा? महिला आरक्षण कानून लागू होने का रास्ता इन्हीं दोनों सवालों में छुपा हुआ है।
परिसीमन का क्या है गणित?
लोकसभा के लिए आखिरी परिसीमन आयोग 2001 की जनगणना के बाद 2002 में रिटायर्ड जज कुलदीप सिंह की अध्यक्षता में बना था। 84वें संविधान संशोधन के कारण इसकी सिफारिशें वैसे ही रह गईं। उसने 2026 तक परिसीमन की कवायद या संसदीय सीटों के फिर से निर्धारण पर रोक लगा दी थी।
पीएम मोदी ने जाहिर की खुशी
पीएम मोदी ने इस बिल पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए एक्स पर लिखा, हमारे देश की लोकतांत्रिक यात्रा में एक निर्णायक क्षण। 140 करोड़ भारतीयों को बधाई। मैं उन सभी राज्यसभा सांसदों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए वोट किया। इस तरह का सर्वसम्मत समर्थन वास्तव में खुशी देने वाला है।