नई दिल्ली। इस अक्षय तृतीया क्या आप सोने में निवेश का मन बना रहे हैं? आपको बता दें कि वित्तीय विशेषज्ञों आने वाले समय में सोने पर अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद जता रहे हैं, इसलिए आप सोने में निवेश की दिशा में आगे कदम बढ़ा सकते हैं। शेयरखान कॉमट्रेड के कमोडिटिज में फंडामेंटल रिसर्च के एवीपी प्रवीन सिंह ने कहा, ‘अमेरिकी ट्रेजरी जैसी तेजी अभी तक सोने में नहीं आई है, लेकिन आने वाले समय में इसकी चमक बढ़ने की उम्मीद है।’
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशल सर्विसेज में असोसिएट डायरेक्टर किशोर नार्ने कहते हैं, ‘विकास दर को बढ़ावा देने के लिए अधिकांश केंद्रीय बैंक बाजार में नकदी की मात्रा बढ़ा सकते हैं। अमेरिकी ब्याज दर यथावत रह सकता है या इसमें कटौती की जा सकती है। यह सोने के लिए अच्छा है।’
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सहित दुनियाभर के कई केंद्रीय बैंकों में सोना खरीदने की होड़ लगी है। इसके साथ ही ब्याज दरों के अनुकूल रहने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमत को मजबूती मिलेगी। सिंह ने कहा, ‘सोने की कीमत प्रति औंस 88,026 रुपये की मौजूदा कीमत के मुकाबले 2020 के अंत तक प्रति औंस 96,930 रुपये को छू सकती है।’ घरेलू स्तर पर सोने की कीमत में भी उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। नार्ने ने कहा, ‘अगले दो साल में हमें सोने में निवेश पर 30 फीसदी का शुद्ध रिटर्न मिलने की उम्मीद है।’
पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई करने के लिए सोने में निवेश बढ़िया दांव
बीते 5-7 सालों में सोने की कीमत में कोई खास तेजी नहीं दर्ज की गई है। बीते पांच साल में सोने पर रिटर्न बहुत कम है। हालांकि, विशेषज्ञों ने जोर दिया है कि यह कम रिटर्न बस एक विक्षेप है और अन्य असेट क्लास की ही तरह सोने की कीमत में तेजी भी एक बार फिर लौट जाएगी। इस तरह, अपना पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई करने के लिए सोने में निवेश बढ़िया दांव है।
एटिका वेल्थ अडवाइजर्स के एमडी एवं सीईओ गजेंद्र कोठारी ने कहा, ‘कोई भी असेट क्लास जो लंबे समय तक बेहतर रिटर्न देने में नाकाम रहा है, वह निवेश के लिए बढ़िया दांव हो सकता है। जिन निवेशकों ने सोने में निवेश नहीं किया है, वे इसमें कुछ निवेश कर सकते हैं।’
सोना चमकने को तैयार
सोने में रिटर्न एक बार फिर अपनी ऐतिहासिक ऊंचाई को छुएगा।
सोने की छड़ें या सिक्के बेहतर विकल्प
अगर सोने में निवेश करना है तो जूलरी नहीं खरीदें, क्योंकि उसमें मेकिंग चार्ज शामिल होता है, साथ ही उसकी शुद्धता से जुड़ा मुद्दा भी होता है। सोने की छड़ें या सिक्के बेहतर विकल्प हैं, लेकिन इसके साथ भी एक मुद्दा है और वह है अधिक ट्रांजैक्शन कॉस्ट, वह भी खरीदने और बेचने दोनों समय में।
पेपर गोल्ड मतलब गोल्ड बॉन्ड और ईटीएफ इन सबसे बेहतर विकल्प है। कोटक म्यूचुअल फंड में फिक्स्ड इनकम एवं प्रॉडक्ट हेड लक्ष्मी अय्यर कहती हैं, ‘निवेशकों को जेवरों में निवेश करने से बचना चाहिए और इसकी जगह गोल्ड बॉन्ड्स या गोल्ड ईटीएफ को तरजीह देनी चाहिए। गोल्ड बॉन्ड में हालांकि लिक्विडिटी को लेकर थोड़ी समस्या है, इसलिए यह केवल वैसे निवेशकों के लिए अनुकूल है, जो उन्हें मैच्योरिटी तक रखने के लिए तैयार हैं।’
लिक्विडिटी के मसले को नजरअंदाज कर दें तो गोल्ड बॉन्ड्स में निवेश के कई फायदे हैं। कोठारी ने कहा, ‘मैच्योरिटी पर टैक्स फ्री कैपिटल गेन, असेट मैनेजमेंट फी नहीं और कुछ ब्याज मिलता है। सोने में लंबे समय तक निवेश करने के लिए गोल्ड बॉन्ड बेहतरीन उत्पाद है।’
निवेश कर करें लम्बा इंतजार
सोने में निवेश करने वाले निवेशकों को यह तय कर लेना चाहिए कि उन्होंने लंबे समय के लिए निवेश किया है। कोठारी ने कहा, ‘सोने के निवेशकों का नजरिया दीर्घकालिक निवेश का होना चाहिए, क्योंकि सोने की कीमत प्रायः तेजी से बढ़ती है और एक ही तेजी में आपको भारी फायदा मिल जाता है।’
समान लॉन्ग टर्म रिटर्न
सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में मिलने वाला रिटर्न हालांकि मध्यम अवधि में सोने पर भारी पड़ता है।